भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने उत्तराखंड के मुख्य कोच से दिया इस्तीफा, सचिव पर लगाए गंभीर आरोप
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के मुख्य कोच और पूर्व भारतीय ओपनर बल्लेबाज वसीम जाफर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस संबंध में उन्होंने बीसीसीआइ के अधिकारियों को भेजी ईमेल में सीएयू के सचिव महिम वर्मा और चयन समिति प्रमुख रिजवान शमशाद दोनों पर निशाना साधा। आरोप लगाया कि टीम चयन में मनमानी की जा रही है। साथ ही अयोग्य खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जा रहा है।
अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि विजय हजारे ट्रॉफी की टीम घोषित करने से पहले ना तो उनसे पूछा गया और ना ही सलाह ली गई। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में काम करना उनके लिए मुश्किल है। उन्होंने सीएयू पदाधिकारियों और सलेक्शन कमेटी पर चयन में मनमानी करने समेत कई आरोप भी लगाए।
जाफर ने आरोप लगाया कि सलेक्शन कमेटी ने सीएयू पदाधिकारियों के दबाव में टीम चुनी है। उन्हें उनकी पसंद की टीम नहीं दी जा रही है। विजय हजारे ट्रॉफी को लेकर जो टीम चुनी गई है, उसको लेकर पहले उनसे बातचीत नहीं की गई। ना तो उनसे कुछ पूछा गया और ना ही सुझाव मांगे गए। उन्होंने कहा कि मुख्य कोच के तौर पर ऐसी परिस्थिति में वे काम नहीं कर सकते हैं।
वसीम जाफर ने लगाए गंभीर आरोप
वसीम जाफर ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैं तत्काल प्रभाव से सीएयू के मुख्य कोच के पद को छोड़ रहा हूं। 29 जनवरी को बीसीसीआई ने फरवरी के तीसरे हफ्ते में विजय हजारे ट्रॉफी के आयोजन की घोषणा की। मैंने 30 जनवरी को सीएयू सचिव महिम वर्मा से बातचीत कर सलेक्शन प्रक्रिया को लेकर हेड कोच और सलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से बात करने को कहा। मैं चाहता था कि हमारी टीम वहां जाकर कम से कम चार-पांच प्रैक्टिस मैच खेले, ताकि मैं देहरादून से बाहर की परिस्थितियों में खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस और टेंपरामेंट देख सकूं।
मैंने 31 जनवरी की रात को उन्हें फिर फोन किया और मामले की प्रोग्रेस पूछी, लेकिन कोई अपडेट नहीं मिला। महिम ने मेरी कॉल का जवाब तक नहीं दिया। उन्होंने मुझे तीन फरवरी को कॉल किया। हालांकि इसमें भी उन्होंने आने वाली प्रतियोगिता को लेकर कोई चर्चा नहीं की। मैंने 22 खिलाड़ियों की टीम बनाकर सीएयू सचिव, चयन समिति और सीईओ को भेजी थी। मुझे सीएयू या सलेक्शन कमेटी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद आठ फरवरी को फाइनल टीम चुनी गई।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने मुझे कोच बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उत्तराखंड से जुड़े होने के चलते मैंने इससे इनकार कर दिया। मैंने सीनियर टीम को भविष्य के लिए तैयार करने के कई प्रयास किए, लेकिन सीएयू पदाधिकारियों के अनप्रोफेशनल रवैये के कारण मुझे मजबूर होकर पद छोड़ना पड़ रहा है। राज्य में प्रतिभाओं की कमी नहीं, लेकिन ऐसे रवैये के कारण खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
आईपीएल के बाद टीम से जुड़े जाफर
वसीम जाफर को अगस्त 2020 में उन्हें उत्तराखंड के मुख्य कोच की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि इस दौरान आईपीएल के चलते उन्होंने विधिवत कोचिंग शुरू नहीं की। आईपीएल खत्म होने के बाद नवंबर 2020 में उनका क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के साथ कांट्रेक्ट हुआ था। इसके बाद टीम ने उनकी कोचिंग में ही सैयद मुश्ताक ट्रॉफी में हिस्सा लिया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।