पूर्व उच्चशिक्षा मंत्री डा. शिवानंद नौटियाल को जयंती पर किया याद, आठ बार रह चुके हैं विधायक, जानिए शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा एवं पर्वतीय विकास मंत्री स्व. शिवानंद नौटियाल को उनकी 85वीं जयंती पर याद किया गया। इस दौरान डॉ. नौटियाल के चित्र पर फूल चढ़ाए गए। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया गया। उनकी याद में देहरादून, पौड़ी, लखनऊ सहित विभिन्न स्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉ. नौटियाल के जन्मदिवस पर डॉ. शिवानंद नौटियाल फाउंडेशन की ओर से एक सभा का आयोजन किया गया। इसमें कई वरिष्ठ राजनेता, साहित्यकार, पत्रकार, रंगकर्मी व डॉ. नौटियाल के परिवार के सदस्यों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नौटियाल के पुत्र व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिव्य नौटियाल ने किया। स्व. नौटियाल के ज्येष्ठ पुत्र कमल नौटियाल ने सभा में आये सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
स्व. डा. शिवानंद नौटियाल की जयंती पर उनके पैतृक गांव कोठला सैंजी में भी उन्हें श्रद्धाजंलि देकर याद किया गया। इस दौरान उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की सराहना करते हुए उनको याद किया गया। वक्ताओं ने उनके जीवन पर विस्तार से विचार रखे। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र नौटियाल ने कहा कि डॉ. नौटियाल ने अपने मंत्री कार्यकाल के दौरान कई इंटर कालेजों और डिग्री कॉलेजों, सड़कों का निर्माण कर कई विकास कार्यों की स्थापना की। जिसका आज भी युवाओं को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में बिजली, पेयजल, सड़क को लेकर बेहतरीन काम किया। वह आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में जाने जाते है। वहीं गढ़वाल मंडल बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में समिति के संस्थापक व पूर्व शिक्षा एवं पर्वतीय विकास मंत्री स्व. शिवानंद नौटियाल का 85वां जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया।
इस मौके पर भगवती प्रसाद, कांता प्रसाद, नंद राम, कैलाश नौटियाल, शैलजा नौटियाल, मीना देवी, मोहित नौटियाल, पिंटू, गिरीश, शिवांशु नौटियाल, कमला देवी आदि मौजूद रहे।इस मौके पर समिति के सचिव रमेश चंद्र उप्रेती, कमला प्रसाद भट्ट आदि मौजूद थे।
जीवन परिचय
हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक एवं कुशल राजनीतिज्ञ शिवानंद नौटियाल जी का जन्म 26 जून 1926 को पौड़ी जनपद के ग्राम कोटला में हुआ था। शिक्षा, साहित्य और राजनीति ही इनका जीवन था। सन 1967 में इन्होंने सक्रिय राजनीति में पदार्पण किया। 1969 में पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। 1974 तथा 1979 के विधानसभा चुनावों में भी विजय श्री प्राप्त की। वह पौड़ी से दो बार और कर्णप्रयाग से छह बार विधायक बने।
1979 में डॉ. नौटियाल को उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा एवं पर्वतीय विकास मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। इन्होंने अपने मंत्रित्वकाल में संपूर्ण उत्तराखंड क्षेत्र में विद्यालयों को प्रोन्नत करने के साथ साथ विद्यालयों की स्थापना भी की।
नौटियाल जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, औजस्वी वक्ता के साथ सफल साहित्यकार भी थे। इनका शोध पत्रबंध- गढ़वाल के लोकनृत्य गीत है। इसमें गढ़वाली लोकसाहित्य के सभी रूपों को विस्तार से वर्णित किया गया है। गढ़वाली लोकमानस, गढ़वाल के नृत्य, गढ़वाल के लोकगीत, गढ़वाल के खुदेड़ गीत, गढ़वाल के नृत्य गीत, छम घुंघरू बाजला, नेफा की लोककथाएं, कुमाऊं दर्शन, बदरी केदार की ओर इनकी श्रेष्ठ शोधात्मक रचनाएं हैं। नौटियाल को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी नामित पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। वह लगातार राजनीतिक और सामाजिक जीवन में सक्रिय रहे। वर्ष 2004 में निमोनिया होने के कारण उन्हें लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां दो अप्रैल 2004 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
नौटियाल जी को शत् शत् नमन्