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August 5, 2025

लंबी बीमारी के चलते पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, जानिए उनके बारे में

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का 78 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने आज मंगलवार पांच अगस्त को दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में आखिरी सांस ली। पहले वह भाजपा के कद्दावर नेता थे। बाद में वह पीएम नरेंद्र मोदी के ही आलोचक हो गए थे। कई बार उन्होंने पीएम को लेकर विवादित बयान भी दिए। उन्होंने 14 फरवरी 2019 के लिए पुलवामा में आतंकी हमले में करीब 40 सेना के जवानों की मौत के लिए भी केंद्र सरकार को दोषी बताया था। उनका कहना था कि पहले से ही अर्धसैनिक बलों का बड़ा दल एयरक्राप्ट से ही वापस लौटता था, लेकिन उस बार अर्धसैनिक बल की मांग के बावजूद केंद्र सरकार ने उनके लिए एयरक्राफ्ट की व्यवस्था नहीं की। ऐसे में सेना के जवानों की जान गई। सत्यपाल मलिक मई 2025 से दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती थे, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उनके निधन से देश में शोक की लहर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये थी बीमारी
बताया गया कि सत्यपाल मलिक को गंभीर मूत्र मार्ग संक्रमण (यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) और किडनी फेल्यर की जटिलताओं के कारण आईसीयू में रखा गया था। आज दोपहर में अस्पताल ने सत्यपाल मलिक के निधन की सूचना दी। यहां बताना जरूरी है कि एक दिन पहले ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेना का भी दिल्ली में निधन हुआ था। शिबू सोरेन ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में सोमवार को आखिरी सांस ली। आज वह पंचतत्व में विलीन हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सत्यपाल मलिक के बारे में
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को हुआ था। वह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसवाड़ा गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म एक जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने मेरठ कॉलेज से विज्ञान स्नातक और एलएलबी की डिग्री हासिल की। अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने 1968-69 में मेरठ कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में की। 1974 से 77 तक वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। 1980 से 1989 तक उन्होंने राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। 1989 से 1991 तक वह जनता दल के सदस्य के रूप में अलीगढ़ से नौवीं लोकसभा के सांसद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आर्टिकल 370 हटने के दौरान थे जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल
सत्यपाल मलिक ने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान पांच अगस्त 2019 को आर्टिकल यानी अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। इसके बाद वह बिहार और मेघालय के राज्यपाल भी रहे। उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले में सुरक्षा चूक के साथ ही किरू हाइड्रोपावर परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों पर खुलकर बात की थी। इसके कारण वह विवादों में रहे। साथ ही वह केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ आलोचक हो गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीबीआई कर रही थी जांच
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक समेत 5 लोगों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के किरू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला करीब 2,200 करोड़ रुपए के सिविल वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट में गड़बड़ी को लेकर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

CBI ने इसी मामले को लेकर 22 फरवरी 2024 को सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा था। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की थी। दरअसल, सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते 300 करोड़ की रिश्वत ऑफर हुई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इसके बाद CBI ने अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर सरकार के कहने पर मामला दर्ज किया था। मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्यपाल थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मलिक ने ये भी कहा था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा कि मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीबीआई ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की थी एफआईआर
सीबीआई ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी। दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम पर लगाए थे ये आरोप
सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि पुलवामा अटैक के वक्त पीएम नरेंद्र मोदी कॉर्बेट नेशनल पार्क में अपनी शूटिंग करवा रहे थे। बाहर आकर PM ने एक ढाबे से फोन कर मुझे पूछा- क्या हुआ? मैंने कहा था- ये हमारी गलती से हुआ। मलिक ने यह भी कहा था, देश बहुत गलत आदमी के हाथ में है। यदि किसान एक नहीं हुआ और केंद्र में बैठी सरकार दोबारा सत्ता में आ गई तो किसान नहीं बचेंगे। उनका बस चला तो सबसे पहले खेती को खत्म कर देंगे। सत्यपाल मलिक किसान आंदोलन के बाद से ही पीएम मोदी के खिलाफ हो गए थे। किसान आंदोलन को उन्होंने समर्थन किया। पुलवामा हमले को लेकर उन्होंने मोदी सरकार से कई सवाल पूछे, लेकिन जवाब नहीं आया। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन उन्हीं के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी। वो भी तब, जब वे अस्पताल में भर्ती थी।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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