बेरोजगारी के सवाल पर पूर्व सीएम हरीश रावत का अनोखा प्रदर्शन, नंगे पैर की पदयात्रा, बोले-राज्य में बढ़ती बेरोजगारी चिंताजनक

इस अवसर परउन्होंने कहा कि देश में निरंतर बेरोजगारी की दर बढ़ रही है। 8.50 प्रतिशत के करीब पहुंच चुकी है। उत्तराखंड में सर्वाधिक बेरोजगारी है। बढ़ती बेरोजगारी चिंताजनक है। यहां नौकरियों में भर्तियों के नाम पर नौजवानों को ठगा जा रहा है। मुझे बहुत कठोर शब्द प्रयोग करना पड़ रहा है। कभी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के झमेले में, कभी विधानसभा के तो कभी लोक सेवा आयोग के झमेले में नई नौकरियां फंस कर रह गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पिछले छह साल से लोक सेवा आयोग की भर्तियां रुकी पड़ी हैं। वही स्थिति अन्य स्थानों पर भी है। अधियाचन होने के बाद भी पद वापस ले लिए जाते हैं। जिन लोगों ने डिप्लोमा किया है, चाहे सिविल में किया हो और दूसरे डिप्लोमा किये हों, वह खाली घूम रहे हैं। धरना दे रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के अंदर अजीब सी स्थिति है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कांग्रेसजनों से वे क्षमा चाहते हैं, सब लोगों से अनुमति नहीं ले पाया हूं, लेकिन भावना के प्रभाव में मैंने यह निर्णय लिया है। मैं इस पर कायम रहूंगा। अपने राज्य के उन बेरोजगार नौजवानों, शिक्षित बेरोजगारों अधर में त्रिशंकु की भांति लटके हुए उन लड़के-लड़कियों जिनकी दिल की धड़कन हर दिन बढ़ती जा रही है, जिनकी चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। जिनके चेहरे और होंठ सूखते जा रहे हैं, उनके लिए स्व. राजीव गांधी जी की मूर्ति से जो राजीव कॉन्प्लेक्स डिस्पेंसरी रोड में स्तिथ है वहां से गांधी पार्क में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की मूर्ति तक नंगे पांव पदयात्रा की है। मेरे हाथ में कुछ नहीं है, न सत्ता है, न कुछ और, न शक्ति है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जो कुछ मुझे इस राज्य ने दिया है, उसके बल पर एक नैतिक दबाव राज्य सरकार पर पैदा करने के लिए ये नंगे पांव पदयात्रा कर रहे हैं। यदपि उनकी पदयात्रा एकांगी थी, फिर भी कई बेरोज़गार संघठनों से युवा सहित कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने और लोगो से नंगे पाँव न चलने की भी अपील की थी। कहा इसमें कोई राजनीति भी नहीं है। यह एक भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते मैं समझता हूं, मैं भी इन बच्चों का अभिभावक हूं जो मेरा भूतपूर्व मुख्यमंत्री के नाते कर्तव्य है। वह मुझे बाध्य कर रहा है। इस पदयात्रा को पार्टीगत न समझा जाए। इसलिए मैंने अपने प्रदेश अध्यक्ष जी की ओर पार्टी के नेतागणों को भी सूचित नहीं किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर पृथ्वीपाल चौहान, डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, अशोक वर्मा, सुनील कुमार बाँगा ,गरिमा दासोनी, ओम प्रकाश सती बब्बन, वीरेंद्र पोखरियाल, सुशील राठी, गुल मोहम्मद, पूरण रावत, आशा टम्टा, विकास शर्मा, अभिषेक भंडारी, श्याम सिंह चौहान, अंकित बिष्ट, रितेश छेत्री, विनोद चौहान, यामीन अंसारी, शीशपाल सिंह बिष्ट, संत राम शर्मा, सोनिया आनंद, मनमोहन शर्मा, राजकुमार जैसवाल, सुलेमान, उपस्थित रहे। पदयात्रा में आंदोलनकारी संगठन में से विधानसभा, वी पी वी डीओ, स्टेनो, सिचाई से मनोज, सुषमा, रश्मि, नवल, विकास, गिरीश सिंह, कपिल धामी, गोपाल नेगी, दीप्ती, कविता, लक्षमी, मनाली, मयंक रावत, ललित कांडपाल, अजित, अनिल, प्रदीप सिंह, नीरज सिंह, अंकुर शर्मा, काजल सिंह, चांदनी, अर्चना रावत, संजीव कुमार, विपिन, आनंद बिष्ट, नवीन जोशी, प्रदीप सिंह, गौरव, अमित ममगाईं, कुलदीप सिंह, मुकेश चंद, कैलाश आदि सैकड़ो की संख्या में कई संगठनों से जुड़े बेरोजगार युवा उपस्थित रहे।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।