पूर्व सीएम हरीश रावत ने आशाओं और आंगनवाड़ी से कहा-सरकार ने दिया ऊंट के मुंह में जीरा, न हों निराश, हम रखेंगे सबका ख्याल
आंगनवाड़ी, आशा वर्कर्स और भोजनमातों के समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत भी आ गए। उन्होंने कहा कि निराश मत होना। हमारी सरकार बनेगी तो हम सबका ख्याल रखेंगे।

हाल ही में सरकार ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों, मिनी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ियों के नामदेय में वृद्धि की थी। इसी तरह आशा वर्कर्स के मानदेय में भी वृद्धि की गई। संबंधित यूनियनों ने इस वृद्धि को काफी कम बताया। साथ ही कहा कि अन्य मांगों को लेकर वे संघर्ष जारी रखेंगी। अब उनके समर्थन में पूर्व सीएम हरीश रावत भी आ गए। उन्होंने कहा कि निराश मत होना। हमारी सरकार बनेगी तो हम सबका ख्याल रखेंगे।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में हाल ही में कैबिनेट की बैठक में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में 1800 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के वेतन में 1500 और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के वेतन में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है। आईसीडीएस विभाग के अन्तर्गत वर्तमान समय में प्रदेश में कुल आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की संख्या 14947, आंगनवाड़ी सहायिकाओं की संख्या 14947, मिनी आंगनवाडी कार्यकत्रियों की संख्या 5120 है। इस प्रकार कुल संख्या 35014 है।
राज्य सरकार की ओर से मानदेय में की गई वृद्धि के बाद अब आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों कुल मासिक मानदेय 9300 रूपये, आंगनवाड़ी सहायिका को कुल मासिक मानदेय 5250 रुपये और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को कुल मासिक मानदेय 6250 रूपये दिया जाएगा। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां काफी समय से वेतनमान को लेकर आंदोलन कर रही थीं। हालांकि उनकी मांगों में आंगनवाड़ी को 21 हजार रुपये तथा सहायिकाओं के लिए 18हजार न्यूनतम वेतन घोषित करने, मिनी आंगनवाड़ियों के लिये समान कार्य के लिये समान वेतन घोषित करने, गौराधन योजना का लाभ भी आंगनवाड़ियों को देने की मांग शामिल थीं।
इसी तरह इससे पहले की कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट आशाओं को 1000 रुपये मानदेय और 500 प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की गई थी। वहीं आशाएं भी पूर्व में स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई वार्ता के अनुरूप मानदेय देने की मांग कर रही थी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंद में शासन को प्रस्ताव भी भेजा था। कैबिनेट के फैसले पर सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा था कि वर्तमान में महंगाई को देखते हुए डेढ़ हजार रुपया तो कुछ भी नहीं है, बहुत ही कम है।
अब हरीश रावत ने खेला चुनावी कार्ड
चुनाव निकट आने पर हर राजनीतिक दल घोषणाओं पर ज्यादा फोकस कर रहा है। आम आदमी पार्टी ने तो कई लोकलुभावनी घोषणाएं की हैं। वहीं, कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के उत्तराखंड अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी अब आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी और भोजनमाताओं के पक्ष में बयान दिया। साथ ही उन्हें अपनी तरफ से आश्वासन भी दिया। हरीश रावत सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हैं। उन्होंने आज ही इन स्वयंसेविकाओं को लेकर पोस्ट डाली। इसमें लिखा-
आंगनबाड़ी की बहनों, सहायिकाओं और मिनी आंगनबाड़ी की बहनो, आप निराश न हों। 5 साल के संघर्ष के बाद आपको जो कुछ दिया गया है, वो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। क्योंकि 5 सालों के अंदर इतनी तो महंगाई बढ़ गई है। हमारा आपसे वादा है, चाहे आप हों, चाहे आशा की बहनें हों, चाहे भोजन माताएं हों। जो ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की रीड़ की हड्डी हैं, हम उन सबका ख्याल करेंगे। मैं जानता हूं राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मगर मैं यह भी जानता हूं आपको जो कुछ दिया जा रहा है, वो आपसे लिए जा रहे काम के एवज में बहुत कम है।
हरीश रावत ने आगे लिखा कि-कल कांग्रेस आएगी, कांग्रेस आपके लिये यथासंभव साधन जुटाकर आपकी भावनाओं का सम्मान करेगी। जितना हमने 3 साल में किया, भाजपा तो 5 साल में भी उतना नहीं कर पाई और उल्टा यदि महंगाई में हुई वृद्धि को ध्यान में रखकर के मानदेय की वृद्धि की तुलना करें तो लगभग शून्य है।