पूर्व सीएम हरीश रावत ने जमीन रजिस्ट्रियों को लेकर सरकार को घेरा, बोले- सो रही है सरकार, जनता की परेशानियों से नहीं वास्ता
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने जमीन की रजिस्ट्रियों के दाखिल खारिज न होने पर सरकार को घेरा। कहा कि सरकार सो रही है।

हरीश रावत ने कहा कि उच्च न्यायालय का निर्णय है कि नगर निगम क्षेत्र में जमीनों के दाखिल खारिज राजस्व विभाग ना करे। इसके बावजूद तहसील से भूमि की खरीद की रजिस्ट्रियां नगर निगम कोई भेजने को राजी नहीं है। चार माह से अनिर्णय की स्थिति है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार हाई कोर्ट को माने या फिर अपील में जाए। इस पर निर्णय लेने में चार माह लगा दिए हैं। ऐसे में प्रदेश में जमीन घोटालों को बढ़ावा मिल रहा है। खरीदार ना तो नक्शा ही पास करवा रहे हैं और ना बैंक लोन के लिए अप्लाई कर पा रहे हैं।
सोशल मीडिया में पोस्ट के जरिये हरीश रावत ने कहा कि-क्या सरकार सो रही है। राजस्व विभाग करे या नगर निगम। पर जनता को उनकी भूमि का दाखिल खारिज हो। उसके प्रमाण स्वरूप खसरा – खतौनी तो मिलनी ही चाहिए। मुझे बताया गया है कि हज़ारों लोग परेशान हैं। सरकार है कि सो रही है, इस बीच तीन मुख्यमंत्री बदल गए हैं।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने भाजापा चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के कांग्रेस से भाजापा में गए लोगों पर भाजापा संस्कृति सीखने की सलाह पर भी चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि कि बुद्धू साढ़े चार साल में भी संस्कृति नही सीख पाए। उन्होंने प्रह्लाद जोशी के श्री गणेश पर दिए बयान पर भी पलटवार करते हुए कहा कि जय श्री गणेश उद्बोधन से भाजपा के स्थानीय और शीर्ष, दोनों नेतृत्वों को परेशानी क्यों है? गणेश जी भारतीय जनजीवन के पथ प्रदर्शक हैं। विघ्नहर्ता हैं। यदि मैं, जय श्री गणेश कहता हूं तो भाजपा को परेशानी क्यों? इसे मैं समझ नहीं पा रहा हूं।
उन्होंने कहा कि हम किसी के बदले कोई नारा नहीं लगाते हैं। भगवान रामजी में भी हमारी अटूट आस्था है। हम अयोध्या के राजा रामचंद्र जी के परम भक्त हैं। हमारे राम सबको अंगीकार करते हैं और भाजपा, राम जी के नाम का उद्बोधन राजनीति के लिये करती है। भाजपा वालों को मेरी सलाह है कि जय श्री गणेश कहना सीखें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।