पूर्व सीएम हरीश रावत बोले-उत्तराखंड के जख्मों पर नमक छिड़क गए नीति आयोग के उपाध्यक्ष

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने उत्तराखंड को ग्रीन बोनस के मामले में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार को सवालों के घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष ने उत्तराखंड के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। शुक्रवार की शाम को नीति आयोग के उपाध्यक्ष देहरादून स्थित हैस्को ग्राम पहुंचे थे। शनिवार को उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी भेंट की थी। उनके दौरे के बाद आज हरीश रावत ने सोशल मीडिया में उपाध्यक्ष को सवालों के घेरे में लिया। हरीश रावत ने लिखा कि-
नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष हैस्को ग्राम पहुंचे, बहुत अच्छा लगा। मगर उन्होंने ग्रीन बोनस को लेकर एक अटपटा बयान दिया है, जिसने हमारे जख्मों पर नमक छिड़का है। हमको केवल एक बार केंद्र सरकार ने ग्रीन बोनस दिया है, वो UPA की सरकार के वक्त में मिला है। मगर सरकार परिवर्तन के साथ ग्रीन बोनस का मामला समाप्त हो गया।
उन्होंने कहा कि-इस बार उम्मीद जगी थी, मगर उस उम्मीद पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष महोदय ने न केवल पानी डाल दिया है, बल्कि विषैला पानी डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड को यूएनओ के पास ग्रीन बोनस के लिए अपील करनी चाहिये थी।
हरीश रावत ने सवाल किया कि- क्या संघीय व्यवस्था में राज्यों को यह अनुमति है कि वो अपनी ग्रीन बोनस या दूसरी किसी भी मांग को लेकर के संयुक्त राष्ट्र संघ में जा सकें? हमको ऐसा रास्ता दिखा दिया कि हम घर मांग रहे थे और हमसे कहा कि वो आसमान पर चंद्रमा है, वहां आपके लिए घर बनाया जायेगा। आप वहां चले जाइए तो।
उन्होंने कहा कि- ये उत्तराखंड के विवेक पर एक चोट है, एक अपमान है। इसकी क्षतिपूर्ति तभी हो सकती है जब नीति आयोग उत्तराखंड को पर्यावरणीय सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस देने की केंद्र सरकार के पास संस्तुति करे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
हरीश रावत एक सूझ बूझ वाले समझदार नेता/ प्रशासक हैं.