घाट मार्ग के चौड़ीकरण और माल्टे की समस्या को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत मौन उपवास पर, सुरेंद्र भी साथ बैठे

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत एक बार भी एक घंटे के मौन उपवास पर बैठे। मसूरी रोड स्थित अपने आवास पर मौन उपवास पर बैठे हरीश रावत का इस बार मुद्दा घाट रोड के चौड़ीकरण और माल्टा किसानों की समस्या है। मौन उपवास पर उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार भी बैठे।
उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदप्रयाग-घाट रोड के चौड़ीकरण की मांग काफी समय से की जा रही है। इस मांग को लेकर ग्रामीणों ने करीब 19 किलोमीटर तक मानव श्रृंखला भी बनाई थी। वहीं, हरीश रावत ने भी घाट पहुंचकर कुछ देर धरने पर बैठकर आंदोलन को समर्थन दिया था। इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अधिकारियों को इस संबंध में ठोस कार्रवाई करने को कहा था। अभी भी घाट क्षेत्र के लोग आंदोलनरत हैं।
वहीं, हरीश रावत ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में पोस्ट डाली। साथ ही उन्होंने माल्टा किसानों की समस्या को भी उजागर किया। उन्होंने लिखा कि-नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग का चौड़ीकरण, जन संघर्ष का प्रतीक बन गया है। घाट क्षेत्र के भाई बहन फिर आंदोलनरत हैं। मेरी भावना उनके साथ है।
हरीश रावत ने कहा कि- ये एक छोटी मांग है, मगर सरकार केवल मोड़ कटान पर अड़ी पड़ी है। सरकार सड़क चौड़ीकरण से क्यों बचना चाहती है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं! घाट क्षेत्र के भाई बहनों के साथ साथ अगस्मुनि विकासखंड के औरिंग गांव के काश्तकार अजीत सिंह कंडारी बेबसी में माल्टे के पेड़ों पर आरी चलाना चाहते हैं। और उन्होंने शासन से माल्टे के पेड़ काटने की अनुमति मांगी है। माल्टे से पेड़ लदे पड़े हैं, मगर MSP इतना कम है कि खरीद केंद्र तक ले जाने की ढुलाई भी उससे नहीं निकल पा रही है।
उन्होंने घाट के भाई-बहनों के साथ और औरिंग गांव के माल्टा किसान अजीत सिंह कंडारी के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करने के लिये कल ही मौन उपवास की सूचना दे दी थी। आज सुबह 11 बजे वह मौन उपवास पर बैठ गए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।