पूर्व सीएम हरीश रावत ने बोले-आपकी लाठी बेचैन है तो मेरा सर फोड़िए, घसियारी पर भी किया व्यंग्य
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कर राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि आपकी लाठी इतनी बेचैन है तो मेरा सिर फोड़िए।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कर राजनीतिक हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि आपकी लाठी इतनी बेचैन है तो मेरा सिर फोड़िए। वहीं, उन्होंने घसियारी योजना पर भी कटाक्ष किया।
सोशल मीडिया में हमेशा सक्रिय रहने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने लाठीचार्ज को लेकर दो पोस्ट डाली। इस पोस्ट में वह कल ही घटना की निंदा कर चुके हैं। दूसरी पोस्ट में उन्होंने आज लिखा कि-
मैं त्रिवेंद्र सिंह जी से पूछना चाहता हूं, बल्कि भाजपा से पूछना चाहता हूं, क्या यह उत्तराखंड राज्य, उत्तराखंड के भाई-बहनों ने इसलिये बनाया कि वो सड़क की मांग को लेकर के, सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर के और दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं का सम्मान करने की मांग को लेकर के भराड़ीसैंण पहुंचेंगे। और प्रदर्शन करेंगे तो उन पर लाठीचार्ज होगा?
उन्होंने कहा कि- मैं आज अपने को बहुत आहत और शर्मिंदा महसूस कर रहा हूं, उनकी लड़ाई राजनैतिक नहीं है। लाठी हम पर चलाइये। कल मैं सड़क की शुरुआत में सांकेतिक विरोध पर बैठने की इस लाठीचार्ज से पहले घोषणा कर चुका हूं, आइये न यदि आपकी लाठी इतनी ही बेचैन है तो मेरा सर फोड़िये वहां।
वहीं मुख्यमंत्री की घसियारी योजना को लेकर हरीश रावत ने कल एक पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने कुछ चुटीले अंदाज में व्यंग्य किया। साथ ही अपने कामों को गिनाया, उन्हें प्रदेश सरकार ने बंद कर दिया। उन्होंने लिखा कि-
माननीय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह जी को घसियारी शब्द याद आते ही माननीय नरेंद्र सिंह नेगी जी का गीत की लाइनें भी याद आ रही होंगी और भी बहुत कुछ वो अपनी घसियारी योजना पर कह रहे हैं। मगर मैं त्रिवेंद्र सिंह जी से जानना चाहता हूं कि क्या चाटन भेली (चाटने वाली गुड़ और चारे की पिंडी) योजना से घसियारी का दर्द दूर हो जायेगा? वो तो मैंने भी अपनी घसियारी माता-बहनों के लिए तीलू रौतेली पेंशन योजना प्रारंभ की थी। चोट लगने व घायल होने पर तीलू रौतेली पेंशन के लिए उनको हकदार बनाया था, लेकिन मुख्यमंत्री जी यह चाटन भेली तो पहले से ही उत्तर प्रदेश के समय से कालसी में पशुपालन विभाग की ओर से संचालित की जा रही है।
उन्होंने आगे लिखा कि- मैंने चाटन भेली को सब्सिडाइज किया था ताकि कम दामों पर मिल सके। यदि आप कुछ और फ्रदर सब्सिडाइज भी कर रहे हैं तो जब तक जिले-जिलों में चाटन भेली बनाने की यूनिटें नहीं लगेंगी, तो कहां से लोगों को उसका लाभ मिलेगा? और सस्ते गल्ले की तरीके से गांव-गांव में जब तक उसकी उपलब्धता नहीं बनायी जायेगी तो घसियारी का दर्द, तो केवल अखबारों में आपके बयान तक सीमित रह जायेगा। कुछ योजना है तो उसको जरा स्पष्ट करिये।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।