उत्तराखंडः पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल फिर दिल्ली तलब, बैकडोर से भर्ती का है आरोप
हालांकि, विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर पूर्व स्पीकर एवं वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सही बताते हैं। वहीं, उनके पक्ष में कई बीजेपी नेता भी आ चुके हैं। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस मामले को गंभीर बताते हैं। उनका कहना है कि यदि पुरानी सरकार ने जैसा किया, उस परिपाटी को ही बदलने के लिए जनता ने हमें विधानसभा भेजा। ऐसे में हमें व्यक्तिगत फैसले की बजाय पार्टी की लाइन के मुताबिक कार्य करना चाहिए। वहीं, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी मुखर हैं। उत्तराखंड में भर्ती घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर युवा उक्रांद देहरादून में धरने पर बैठा है। वहीं, कांग्रेस भी सरकार पर बार बार हमले कर रही है। उधर, बुधवार को प्रदेशभर से आए हजारों बेरोजगारों ने राजधानी देहरादून में प्रदर्शन किया। स्वतः स्फूर्त इस प्रदर्शन ने एक बार फिर से राज्य आंदोलन की याद दिला दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब कहा जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर से भर्तियां कर फंसे पूर्व स्पीकर और वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को दिल्ली बुलाया गया है। कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल दिल्ली पहुंच चुके हैं। प्रेमचंद अग्रवाल से पहले स्पीकर ऋतु खंडूड़ी और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात की थी। हालांकि अपने इस दौरे को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल सामान्य बता रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 36 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।