उत्तराखंड में कांग्रेस की अंतिम सूची जारी, पांच टिकट बदले, हरीश ने रामनगर से छोड़ा मैदान, रणजीत के बहाने मारी कुल्हाड़ी
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अंतिम सूची जारी कर दी है। इसमें दस प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। पांच विधानसभाओं से प्रत्याशी बदल दिए गए हैं। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत भी अब रामनगर से मैदान छोड़ गए हैं। उन्हें नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनाव लड़ाया जा रहा है। वहीं, रामनगर सीट से टिकट मांग रहे कांग्रेस के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत रावत को सल्ट सीट से टिकट दिया गया है। ऐसे में चर्चा है कि कांग्रेस ने अपने पैर में कुल्हाड़ी मार दी। क्योंकि रणजीत रावत पूरे पांच साल से रामनगर क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे। ऐसा ठीक उसी तरह किया गया, जैसे पिछले चुनाव में टिहरी से टिकट मांग रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को सहसपुर विधानसभा का टिकट पकड़ा दिया गया था। टिहरी सीट से अभी भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। सूचना है कि यहां से किशोर उपाध्याय को टिकट दिया जाना था और उनके बीजेपी ज्वाइन करने की संभावना है। ऐसे में कांग्रेस अब तक 70 विधानसभाओं में से 69 पर प्रताशी घोषित कर चुकी है।कांग्रेस की नई सूची में डोईवाला से मोहित उनियाल की जगह गौरव चौधरी, ज्वालापुर (एससी) से बरखा रानी की जगह रवि बहादुर, लालकुंआ में संध्या डालकोटी की जगह हरीश रावत, कालाढुंगी में महेंद्र पाल सिंह की जगह महेश शर्मा को टिकट दिया गया है। हालांकि महेंद्र पाल सिंह को रामनगर से टिकट दिया गया है। इस तरह से पांच सीटों में फेरबदल करते हुए तीन लोगों के टिकट काट दिए गए। वहीं, नरेंद्र नगर में कुछ ही घंटों पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन करने वाले ओम गोपाल रावत को टिकट दिया गया है। बुधवार की देर रात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सीईसी इंचार्ज एवं महासचिव मुकुल वासनिक ने अंतिम सूची जारी की।

चेले की जिद्द पर आधी रात जारी की लिस्ट
हरीश रावत के राजनैतिक शिष्य और पूर्व विधायक रणजी सिंह रावत रामगनगर सीट से टिकट की मांग पर बागी हो गए। उन्होंने साफ कह दिया यहीं से लड़ूंगा। सल्ट से नहीं। रामनगर सीट से वे हारे हुए उम्मीदवार हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के दीवान सिंह बिष्ट ने उन्हें हरा दिया था। चेले की दंबगई देख कांग्रेस ने आधी रात नई लिस्ट जारी कर दी। हरीश रावत को लालकुंआ भेज दिया।
सोशल मीडिया में डाली थी पोस्ट
हरीश रावत की नाराजगी कम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने उनके उस फेसबुक पोस्ट का मान रखा, जिसमें उन्होंने लिखा था ‘अब थोड़ा मुझे अपने बेटे-बेटियों, जिन्होंने मेरी ही गलतियों वश राजनीति की ओर कदम बढ़ा दिए या मेरी ढिलाई समझ लीजिए। प्रोत्साहन तो मैंने कभी दिया नहीं, लेकिन मेरी ढिलाई के कारण वे भी इस काम में लग गए, उनकी चिंता होती है, क्योंकि उनके प्रति भी मेरा दायित्व है।
बेटी को टिकट देकर नाराजगी दूर करने का प्रयास
सीएम पद के दावेदार हरीश रावत के परिजनों को टिकट का विरोध हो रहा था। नई लिस्ट में हरिद्वार ग्रामीण सीट से उनकी बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस का उम्मीदवार बना दिया गया है। शायद इससे हरीश रावत की नाराजगी दूर हो जाए। वहीं रणजीत सिंह रावत को भी रामनगर सीट नहीं दी गई है। ताकि कोई गलत मैसेज न जाए। पार्टी ने उन्हें सल्ट सीट से ही टिकट दिया है।





