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July 31, 2025

बुलडोजर का खौफः बीजेपी बोली-बस्तियों के चिह्नीकरण में नही होगा जरूरतमंदों का अहित, कांग्रेस कर रही राजनीति

मनवीर सिंह चौहान

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 27 मलीन बस्तियों में स्थित 524 घरों में बुलडोजर चलने के खतरे के विरोध में विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इस मामले को लेकर बीजेपी का भी बयान आया है। भाजपा ने बस्तियों के चिह्नीकरण को लेकर भरोसा दिलाया है कि सरकार पहले भी जनहित में अध्यादेश लेकर आई थी और आगे भी किसी जरूरतमंद का अहित नहीं होने दिया जाएगा। हालांकि, बीजेपी के बयान में ये स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया कि जिन लोगों को 30 जून तक की समयावधि का नोटिस दिया गया है, उनके घर तोड़े जाएंगे या नहीं। बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा अन्त्योदय के सिद्धांत पर चलने वाली पार्टी है, लेकिन कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर सरासर राजनीति कर रही है। भ्रम एवं अफवाह फैलाने का काम कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि उत्तराखंड के देहरादून में 27 मलीन बस्तियों में 524 घरों पर बुलडोजर का भय सता रहा है। इसका कारण रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और कुछ नगर पालिका मसूरी की जमीन पर हैं। नगर निगम वर्ष 2016 के साथ से नदी किनारे बसी हुई बस्तियों को 30 जून तक हटाने के नोटिस भेज रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से आगामी 30 जून तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके विरोध में देहरादून में विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं, राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं। राजनीतिक दल इसे लेकर तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को भी बयान देने के लिए सामने आना पड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने न्यायालय के निर्देश पर नदी किनारे बस्तियों में अतिक्रमण हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदर्शन को उन्होंने पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि अभी तक ध्वस्तीकरण या इस तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई हैं। वहीं सभी जानते हैं कि यह समूची प्रक्रिया एनजीटी के निर्देशों पर ही क्रियान्वित की जा रही है। इसका सरकार अध्ययन कर रही है और जनता के हित के मद्देनजर कोई न कोई समाधान निकाल लिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सरकार की प्रारंभ से प्राथमिकता रही है कि किसी के सर से छत न छिने और किसी को कोई भी हानि न हो। यही वजह है कि दो बार, पहले 2018 फिर 2021 में 3-3 साल के लिए अध्यादेश लाकर प्रभावित लोगों को राहत देने का काम हमारी सरकारों ने किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी अक्टूबर तक इस अध्यादेश की मियाद शेष है। जनहित के संदर्भ में भाजपा संगठन और सरकार की प्रतिबद्धता भी स्पष्ट है। इस मुद्दे पर स्वयं सरकार एवं प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से भी विश्वास दिलाया कि प्रदेश की चिह्नित बस्तियों में किसी भी प्रभावित परिवार का नुकसान नही होने दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस के प्रदर्शन और बयानों को पूरी तरह सस्ती और असंवेदनशील राजनीति करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके नेता जनहित से जुड़े इस मुद्दे पर न्यायलय के निर्णय को लेकर भ्रम और अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं। आज उनका एक ही लक्ष्य सिर्फ महापौर और पार्षद की कुर्सी पर कब्जा करना है। इसके लिए गरीबों को उनके घर छीनने का झूठा डर दिखारहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इस सबके लिए सरकार को दोषी ठहराने की अफवाह फैलाई जा रही है। यदि कांग्रेस और उनके नेताओं को थोड़ी भी चिंता इन प्रभावित गरीबों की होती तो अपनी सरकारों में उनके लिए वो सभी कदम उठाती, जिनके झूठे वादे वे करते फिरते हैं। सच्चाई यह है कि अपनी सरकारों में कांग्रेस ने वोट बैंक के लालच में उनकी जिंदगी को खतरे में डालते हुए डेंजर जोनों में बसाने का काम किया। आज भी वे उनके भविष्य की चिंता किए बगैर झूठे आश्वासन देकर सरकार के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चौहान ने जोर देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस की इसी सस्ती, झूठी और अफवाह फैलाने वाली राजनीति से अच्छी तरह वाकिफ है। जनता किसी भी तरह से उनके झांसे में नहीं आने वाली है। प्रदेशवासियों की तरह इन बस्तियों में रहने वाले सभी लोगों को भाजपा सरकार पर पूरा भरोसा है। साथ ही उन्होंने विश्वास दिलाया कि पहले की भांति आगे भी किसी भी तरह से उनका अहित नहीं होने दिया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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