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March 10, 2025

करनाल में मिनी सचिवालय की ओर किसानों का कूच, आरएसएस से जुड़े बीकेएस का 500 जिलों में कल धरना, महंगाई के विरोध में बीएमएस का प्रदर्शन नौ को

28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा के करनाल में किसानों ने अनाज मंडी से मिनी सचिवालय की ओर कूच किया। इससे पहले किसानों की प्रशासन से वार्ता विफल हो गई थी।

28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में आज मंगलवार को हरियाणा के करनाल में किसानों ने अनाज मंडी से मिनी सचिवालय की ओर कूच किया। इससे पहले किसानों की प्रशासन से वार्ता विफल हो गई थी। करीब डेढ़ किलोमीटर के कूच के बाद किसानों को नमस्ते चौक पर पुलिस ने रोक दिया। जहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। इससे पहले करनाल में विरोध मार्च की अनुमति को लेकर किसानों और अधिकारियों के बीच बातचीत विफल हो गई थी। मिनी सचिवालय कूच में किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी भी मौजूद हैं । भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा- करनाल प्रशासन और किसान नेताओं के बीच बातचीत विफल हो गई है। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा है कि करनाल में सरकार किसानों की बातें सुन नहीं रही है। या तो खट्टर सरकार मांगें माने या हमें गिरफ्तार करे। हम हरियाणा की जेलें भरने को भी तैयार है। इस दौरान राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव सहित कई किसान नेताओं को कुछ देर पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया।

विदित हो कि किसानों के आंदोलन के दौरान हुए लाठीचार्ज के विरोध में आज करनाल में किसानों ने एक महापंचायत का आह्वान किया था । इस दौरान हजारों किसान करनाल पहुंचे, जिसके चलते कल से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं, वहीं करनाल में धारा 144 लागू की गई थी । इस सबके बावजूद वहां महापंचायत हुई । इस दौरान करनाल प्रशासन से किसान नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर बातचीत की। हालांकि बात सफल नहीं होने की सूरत में अब बड़ी संख्या में किसानों ने मिनी सचिवालय की ओर कूच किया है। इधर, किसानों के महामार्च को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए हैं। करनाल स्थित नई मंडी में अलग-अलग जिलों से किसान जत्थे के साथ पहुंचे।
बीजेपी के वैचारिक संगठन ने भी किया आंदोलन का एलान
बीजेपी का वैचारिक संगठन माने जाने वाले राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध भारतीय किसान संघ (BKS) ने कृषकों से जुड़ी समस्‍याओं को लेकर 8 दिसंबर को देशव्‍यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनाथ चौधरी ने मंगलवार को बताया कि कल यानी 8 सितंबर को हम देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन के अंतर्गत 500 ज़िलों में सांकेतिक धरना देंगे। सब जिलों में प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा।
भारतीय किसान संघ के महामंत्री बद्रीनाथ चौधरी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेस में बताया कि अगस्त में हमने सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और किसानों से जुड़ी समस्याओं के विषय पर चर्चा की। कल यानी 8 सितंबर को हम देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन के अंतर्गत 500 ज़िलों में सांकेतिक धरना देंगे। सब जिलों में प्रशासन को ज्ञापन दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि किसानों को सही मूल्य मिले। हम किसानों की फसल के लिए लाभकारी मूल्य की मांग करते हैं। चौधरी ने कहा कि व्यापारी अपने हिसाब से किसानों से फ़सल खरीदते हैं, सरकार MSP की घोषणा करती है पर भुगतान 6 महीने में होता है। सरकार उपज का सिर्फ 25% खरीदती है। सरकार ज्यादातर खरीद सिर्फ दो राज्यों से करती है। बाकी राज्य के किसान रजिस्ट्रेशन ही करते हैं।
उन्‍होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि MSP पर खरीद पर कानून बने। सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए कि किसान को लागत मिले। जो MSP अभी दी जा रही है वो धोखा है छलावा है। कल हम जंतर मंतर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। सुबह 11 बजे प्रदर्शन करेंगे। हमने तीनों कृषि कानूनों को स्वीकार किए थे पर हमने कहा था कि इसमें 5 संशोधन किए जाएं। चौधरी ने स्‍पष्‍ट किया कि हम संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए भारत बंद उनके साथ नहीं हैं।
बीएमएस ने भी किया प्रदर्शन का ऐलान
उधर RSS जुड़े श्रमिक संगठन, भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने भी बढ़ती महंगाई के खिलाफ 9 सितंबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है। भारतीय मजदूर संघ के ऑल इंडिया सेक्रेटरी गिरीश आर्य ने ने कहा कि 9 सितंबर को भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता देश के हर जिले में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। भारतीय मजदूर संघ ने 28 अक्टूबर, 2021 को डिफेंस सेक्टर और कई दूसरे अहम सेक्टरों में मोदी सरकार के कॉरपोरेटाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन के फैसले के खिलाफ भी देशभर में आंदोलन का फैसला किया है। 28 अक्टूबर को भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता, केंद्र सरकार की कॉरपोरेटाइजेशन और प्राइवेटाइजेशन नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम का भी भारतीय मजदूर संघ ने विरोध किया और इसके खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है। बीएमएस के एकपदाधिकारी ने कहा कि सरकार हितधारकों को विश्‍वास में लिए बिना लगातार फैसले कर रही है, ऐसे में हमने इसके विरोध में उतरने का फैसला किया है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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