जैविक खेती को अपना कर खुद को आर्थिकि रूप से मजबूत कर रहे हैं किसान
पौड़ी जनपद अतंर्गत द्वारीखाल ब्लॉक की ग्राम सभा बमोली में विगत वर्षों से किसान जैविक खेती को अपनाकर खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने में जुटे हैं। उनकी मेहनत साकार हो रही है। कृषि विभाग द्वारीखाल की ओर से किसानों को उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज एवम जैविक खाद भी दी जा रही है। ताकी वे जैविक खेती को अपनाकर उसे बढ़ावा दें। इसका परिणाम खरीफ की खेती में देखने को मिला। इसमें किसानों व कृषि विभाग के अधिकारियों के प्रयास से इस बार कोदा, झंगोरा, चौलाई की खेती कर किसानों ने अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक उत्पादन कर अपनी आय में बढ़ोत्तरी की।
वहीं अब रबी की खेती की तैयारी कर गेहूं, जौ, चना की बुवाई की गई है। बुवाई के उपरांत बीज की जमाई भी सकारात्मक दिखाई दे रही है। गांव के वृद्ध किसान रूद्री सिंह रावत बताते हैं कि ऐसी खेती वर्षो बाद देखने को मिल रही है। कृषि विभाग के अधिकारियों का किसानों के प्रति बेहरत सहयोग से ऐसा हुआ है। 68 वर्षीय किसान संतन सिंह बताते है कि गांव में खेती करना मेहनत का काम हैं लेकिन 12 वर्षो बाद से विगत 1 वर्ष से पुरानी परापरगत खेती की याद दिला दी।
इस बार अच्छे उत्पादन का परिणाम ही रहा कि कोदा, झंगोरा बिक्री कर आर्थिकी में इजाफा किया। कास्तकार महाबीर सिंह बताते है कि एलआरपी गणेश चंद्र व बीटीएम संजय कुकरेती, ब्लाँक कृषि अधिकारी योगेश रुवाली किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करते हैं।
कृषक धीरज सिंह जानकारी देते हैं कि कृषि विभाग की ओर से जैविक खाद, कंपोस्ट खाद के लिए गड्ढ़ा तैयार करने में मदद, कीटनाशक छिड़काव की मशीन, जैविक दवाई दी गई। इसका परिणाम है एक वर्षों से खेती करने में मन सुकून भरा रहा। गांव के किसान सूरमान सिंह, जमुना सिहं, दिनेश सिंह, दिलवर सिंह, हृषमोहन कुमार जैविक खेती से लाभ ले रहे है।
अधिकारी का तर्क
ब्लॉक कृषि अधिकारी का कहना है की उंत्तराखड मे पंरमपरागत खेती के साथ जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें बमोली में सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इस वार ग्राम बमोली से कोदा, झंगोरा की बीज श्रीनगर, लखनऊ लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है।
पौड़ी गढ़वाल के अतुल रावत की रिपोर्ट।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।