Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 13, 2024

प्रसिद्ध सिद्ध पीठ डांडा का नागराजा की सड़क देखकर दुखी हुए धस्माना, कथा समापन पर की थी शिरकत

पौड़ी जिले के डांडा नागराजा मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा का आज विधिवत समापन हो गया। नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज यहां भागवत कथा का वाच रहे थे। कथा का समापान समारोह में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी सपरिवार आयोजन स्थल पहुंचे। इस दौरान मंदिर समिति की ओर से उनका स्वागत भी किया गया। मंदिर तक पहुंचने के लिए छह किलोमीटर की सड़क की दशा को लेकर धस्मना ने दुख व्यक्त किया। बता दें कि तीन दिन पूर्व उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत भी कथा श्रवण के लिए पहुंचे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड के प्रसिद्द सिद्ध पीठों में से प्रमुख पीठ डांडा का नागराजा है। जहां श्री नागराज को कृष्ण स्वरूप में पूजा जाता है। प्राचीन आध्यात्मिक कथाओं के अनुसार काली नाग को जीवन दान देने के पश्चात भगवान कृष्ण ने उनको यह आशीर्वाद दे कर हिमालय भेजा कि उनकी पूजा कृष्ण मान कर होगी। ऐसे प्रसिद्द तीर्थस्थल पर जब धस्माना पहुंचे तो सड़क की दुर्दशा को देख कर वह भी विचलित हुए। तीर्थ स्थल तक छह किलोमीटर सड़क जीर्ण शीर्ण हालात में है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंदिर समिति के पदाधिकारियों से बातचीत में धस्माना ने कहा कि यह तीर्थ स्थल पौड़ी जनपद के प्रमुख सिद्द पीठों में से एक है। पौड़ी से छह बार राज्य के मुख्यमंत्री हुए, किंतु किसी ने भी इस धाम की सुध नहीं ली। उन्होंने कहा कि जब पहली बार 2004 में वे डांडा नागराज के दर्शन करने आये थे, तब क्षेत्रवासियों ने क्षेत्र में पानी और सड़क की समस्या के लिए मांगपत्र दिया था। इसे लेकर वे तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी से मिले थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि तब उनके प्रयास से डांडा का नागराजा पम्पिंग योजना स्वीकृत की गई थी। साथ ही सड़क के भी आदेश किये थे। उन्होंने खुशी जाहिर की कि आज पूरे क्षेत्र को उस पम्पिंग योजना का लाभ मिल रहा है। वहीं, सड़क फिर से खराब हालत में पहुंच गई है। इस पर सरकार को ध्यान देना होगा। धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड के चार धाम व यहां के सभी बड़े छोटे सिद्धपीठ व प्रसिद्ध मंदिर हमारी आध्यात्मिक धरोहर हैं। यह हमारे राज्य की आर्थिकी के मुख्य स्रोत भी बन सकते हैं। आज ऐसे क्षेत्र की योजनाबद्ध तरीके से विकास की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

क्षेत्र के प्रमुख समाज सेवी व श्रीमद्भागवत कथा समिति के अध्यक्ष सुभाषचन्द्र शर्मा ने क्षेत्रवासियों की ओर से धस्माना का मालार्पण किया और उन्हें स्मृतिचिह्न भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर समिति के सचिव राजेन्द्र प्रसाद द्यूशाल, जे एस रावत व समिति के पदाधिकारियों ने भी धस्माना का स्वागत किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने डांडा नागराज मंदिर में दर्शन और पूजा करने के पश्चात मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में पूज्य व्यास नृसिंघपिठाधीश्वर रसिक महाराज की कथा का सपरिवार श्रवण किया। साथ ही व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। धस्माना के साथ उनकी धर्मपत्नी डॉक्टर प्रियंका धस्माना, सुपुत्री सुप्रिया, भाभी विजय लक्ष्मी व भावना, बहन उषा उनियाल व निशा दास शर्मा भी शामिल हुए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page