Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 16, 2024

नहीं रहे मशहूर अभिनेता जूनियर महमूद, मृत्यु से पहले जितेंद्र और सचिन ने पूरी की इच्छा

मशूहर अभिनेता जूनियर महमूद नहीं रहे। वह स्टेज चार के पेट के कैंसर से जूझ रहे थे। इसके चलते 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया है। वे कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका है। बता दें कि जूनियर महमूद ने ‘हाथी मेरे साथी’, ‘कारवां’ और ‘मेरा नाम जोकर’ सहित कई चर्चित फिल्मों में काम किया था। खबरों के मुताबिक बीती गुरुवार की रात उन्होंने अंतिम सांस ली। जूनियर महमूद के दोस्त सलाम काजी ने उनके निधन की पुष्टि की है। दो हफ्ते पहले पता चला था कि वह स्टेज 4 के कैंसर से लड़ रहे हैं और कल रात उनकी हालत बिगड़ गई। उनका निधन मुंबई स्थित उनके घर पर हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अभिनेता जितेंद्र और सचिन ने की पूरी की इंतिम इच्छा
जूनियर महमूद लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। बीते दिनों उन्होंने अपने दोस्तों जितेंद्र और सचिन पिलगाउंकर से मिलने की इच्छा जताई थी। उनकी इच्छा पर दोनों कलाकार खास तौर पर उनसे मिलने पहुंचे थे। जूनियर महमूद की हालत देख जितेंद्र की आंखें नम हो गई थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आज होगा अंतिम संस्कार
दोस्त सलाम काजी के मुताबिक, महमूद के लंग्स और लीवर में कैंसर था। साथ ही आंत में ट्यूमर भी सामने आया था। डॉक्टर्स का कहना था कि उनका कैंसर चौथी स्टेज पर था और इसी वजह से उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही थी। ​बीते कुछ दिनों से जूनियर महमूद लाइफ सपोर्ट पर थे। काजी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 12 बजे जूनियर महमूद का मुंबई के सांता क्रूज वेस्ट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बाल कलाकार के रूप में हुई थी फिल्मों में एंट्री
जूनियर महमूद, जिन्हें मूल रूप से नईम सैय्यद के नाम से जाना जाता था। उन्होंने फिल्मों में एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में मराठी फिल्मों के निर्देशन में कदम रखा। विशेष रूप से, जूनियर महमूद और सचिन पिलगांवकर ने बाल कलाकार के रूप में एक यादगार साझेदारी बनाते हुए एक सफल जोड़ी बनाई थी। जूनियर महमूद और सचिन पिलगांवकर के बीच हमेशा से ही काफी अच्छे और मधुर संबंध रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं यादगार फिल्में
जूनियर महमूद यानी नईम सैय्यद का जन्म 15 नवम्बर 1956 को हुआ था। उन्होंने 7 भाषाओं में 265 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया था। साथ ही कई मराठी फिल्में भी निर्देशित की थींष ‘ब्रह्मचारी’, ‘दो रास्ते’, ‘आन मिलो सजना’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘कटी पतंग’, ‘हरे राम हरे कृष्णा’, ‘जौहर महमूद इन हॉन्ग कॉन्ग’, ‘बॉम्बे टू गोवा’, ‘गुरु और चेला’ आदि उनकी कुछ खास फिल्में रहीं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page