आंखें बता देती है दिल का हाल, ऐसे लक्षण पर हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे करें बचाव

कहा जाता है कि आंखों में कई राज छिपे होते हैं। यदि सेहत के लिहाज से देखें तो ये बात फिट बैठती है। क्योंकि आपकी आंख भी ये बयां कर सकती है कि आप भीतर से कितने स्वस्थ हैं। आंखों में दिल की बीमारियों के राज भी छिपे होते हैं। यही कारण है कि जब भी डॉक्टर के पास मरीज जाता है तो डॉक्टर सबसे पहले आंखों में टॉर्च डालकर देखते हैं। हार्ट की दिक्कतों संकेत भी आंखों में दिखने लगते हैं। आंखों में कई नसें होती हैं। इनमें खून की धारा बहती है। हार्ट पूरे शरीर में खून को पंप करता है। यदि हार्ट में कुछ दिक्कतें होती हैं तो इसका संकेत आंखों में भी दिखता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंख के टेस्ट से दिल की बीमारी का पता
रेटिना की स्कैनिंग रिपोर्ट बताती है कि आपको हार्ट रोग और स्ट्रोक का कितना जोखिम है। अमेरिका के सैनडिएगो की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में इसका खुलासा किया है। उनका कहना है कि रेटिना का परीक्षण कर बताया जा सकता है कि इंसानों की आंख में ब्लड का सर्कुलेशन कितना कम है और ब्लड सर्कुलेशन का कम होना बीमारियों का संकेत होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शोधकर्ताओं ने किया 13940 मरीजों का परीक्षण
रेटिना से आंख की बीमारी को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 13,940 मरीजों पर रिसर्च किया। मरीजों की रेटिना का परीक्षण जुलाई 2014 और जुलाई 2019 के बीच किया गया। जांच से 84 मरीजो में दिल का रोग की पुष्टि हुई। 84 मरीजों में 58 क्रोनोरी दिल की बीमारी से पीड़ित थे। वहीं, 26 मरीज को स्ट्रोक हुआ था। दोनों ही मामलों में मरीजों का सीधा संबंध ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ा हुआ पाया गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन कम होने या काफी नहीं होने पर आंख की रेटिना सेल्स भी प्रभावित होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकती है ये जांच
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में रेटिना सर्जन डॉक्टर मैथ्यून बेकहम ने बताया कि उसकी जांच भविष्य में दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दिल की बीमारी यानी स्कीमिया को रेटिना की जांच से पहचाना जा सकता है। ऐसी परिस्थिति में शरीर में ऑक्सीजन लेवल गिरता है, धमनियों की क्षति का जोखिम बढ़ता है। वैज्ञानिक अब मंसूबा बना रहे हैं कि रेटिना टेस्ट में स्कीमिया के लक्षण दिखने पर मरीज को हार्ट रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा।
नोटः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंख में दिखते हैं हार्ट डिजीज के लक्षण
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मुताबिक, आंखें दिल का आईना होती हैं और यह दिल में चल रही गड़बड़ी का संकेत भी देती हैं। आंखों में हो रहे कुछ बदलावों पर ध्यान देकर हृदय रोगों को समय से पहले पकड़ा जा सकता है।
आंखों के कोने पर पीले रंग का उभार
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर दिल की बीमारी का खतरा गंभीर हो जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत आंखों से भी मिल सकता है। हार्वर्ड कहता है कि कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड जैसे गंदे चिपचिपे पदार्थ बढ़ने पर आंखों के कोने पर पीले रंग का मुलायम उभार दिख सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आंखों के नीचे या उपर सूज जाना
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के मुताबिक जब आर्टरीज में बैड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है और यह बहुत ज्यादा होने लगता है तब यह कोलेस्ट्रॉल ब्लड वैसल्स के माध्यम से आंखों के उपर या नीचे उभर आता है। इसे जैंथ्रोफा बीमारी कहते हैं। अगर यह ज्यादा हो जाए तो आंखों को चारों ओर से घेर लेता है। इसलिए अगर आंखों में ऐसी समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
आंखों की नसों में खून के धब्बे
जब किसी हाई ब्लड प्रेशर होता है तब खून की धमनियों के विपरीत खून का प्रेशर भी बढ़ जाता है। इस स्थिति में आंखों में रेटिनोपेथी की बीमारी हो सकती है। इसमें आंखों की नसों से खून आ सकता है। इससे आंखों के पास सूजन भी दिख सकती है या आंखों की नसों में बहुत ज्यादा रक्ताभ लाल दिखने लगता है। बहुत ज्यादा समस्या होने पर आंखों की नसें फट सकती है और अंततः आंखों की रोशनी जा भी सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रेटिना का सिकुड़ना
जब किसी को एथेरोस्क्लेरोटिक हार्ट डिजीज होती है तब आंखों में मैकुलर डिजेनरेशन होने लगता है। यानी आंखों की रेटिना सूखने लगती है. इससे आंखों की रोशनी पूरी तरह जा सकती है।
मोतियाबिंद
कुछ अध्ययनों में इस बात भी प्रमाणित हुई है कि हार्ट डिजीज होने पर आंखों में मोतियाबिंद भी हो सकता है। यही कारण है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत की आशंका ज्यादा रहती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नजर का कमजोर होना
अगर हार्ट की धमनियों में गंदा कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है तो वह प्लैक आंखों तक खून के पहुंचने के मार्ग में बाधा बनने लगता है। जब दिल तक आने-जाने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाती है तो आंखें भी प्रभावित होती हैं। क्योंकि, आंखों को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और सेल्स मरने लगती हैं। जिसके कारण आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है। इससे रेटिना खत्म हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप पूरी तरह अंधापन आ सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समय पर जानकारी मिलने पर काबू कर सकते हैं बीमारी
रेटिना टेस्ट की मदद से विशेषज्ञ ग्लूकोमा और मैकुलर होल जैसी बीमारियों की पहचान करते हैं। ये एक साधारण जांच है और किसी तरह के दर्द से मरीज को इस दौरान नहीं गुजरना पड़ता। शोधकर्ताओं का कहना है कि आम तौर पर जब तक कोई दिल की बीमारी से पीड़ित नहीं होता है, उससे जुड़ा जांच नहीं कराता है। ऐसी स्थिति में रेटिना की जांच मरीज की आंख के साथ दिल की सेहत के बारे में भी बता पाने में सक्षम होगी। अगर समय पर दिल की बीमारी के जोखिम को पहचान लिया जाए, तो उसे डाइट और व्यायाम से काबू किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बचाव का तरीका
इससे बचने का तरीका यही है कि सिगरेट, शराब, प्रोसेस्ड फूड जैसी चीजों से दूरी बना लें। रोजना एक्सरसाइज करें। खान-पान को हेल्दी बनाएं। सीजनल हरी सब्जियों का सेवन करें। जब भी दिल से संबंधित कुछ संकेत दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लाइफस्टाइल सही करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल और आंखों को हेल्दी रखने के टिप्स
धूम्रपान बिल्कुल बंद कर दें।
वजन को कंट्रोल रखें।
दिल और आंखों के लिए फायदेमंद फूड खाएं।
रेगुलर हार्ट टेस्ट और आई चेकअप करवाते रहें।
नियमित रूप से हर दिन व्यायाम करें।
शराब के सेवन से बचें।
खानपानी में विशेष रूप से ध्यान दें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।