उत्तराखंड में भू कानून को लेकर कसरत, मुख्य सचिव ने जिलों से 250 वर्ग मीटर से अधिक जमीन की खरीद फरोख्त की मांगी रिपोर्ट
उत्तराखंड में सख्त भू कानून कब लागू होगा, ये तो पता नहीं, लेकिन विभिन्न दलों और संगठनों की ओर से बढ़ते दबाव को देखते हुए सरकार ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने भूमि की खरीद-फरोख्त की जांच और उसका ब्योरा जुटाने का दायरा बढ़ा दिया है। अब चार जिलों से नहीं, सभी 13 जिलों से भूमि खरीद का ब्योरा तलब किया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों से 250 वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीद का ब्योरा तलब किया है। साथ ही 12.50 एकड़ से अधिक भूमि के उपयोग का भी ब्योरा मांगा है। मुख्य सचिव ने सात दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चार जिलों के बारे में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अब जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। नियमों के विपरीत भूमि होने पर सारी भूमि सरकार में निहित होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर अनिवार्य रूप से एक सप्ताह के भीतर राजस्व परिषद के माध्यम से ब्योरा देने के निर्देश दिए हैं। सीएस द्वारा जारी आदेश में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) का उल्लेख किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कहा, वर्ष 2007 में अधिनियम संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के लिए घर बनाने के लिए बिना किसी अनुमति के अपने जीवनकाल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग भूमि खरीद करके अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
निर्देश में कहा गया है कि सरकार को यह भी पता चला है कि जिन लोगों ने विभिन्न प्रायोजनों के लिए भूमि खरीदी, लेकिन उस प्रायोजन के लिए उसका उपयोग नहीं किया। सरकार से अनुमति लेने के बाद उसी प्रायोजन से भूमि का उपयोग न करने के संबंध में सीएस ने पूरा विवरण सात दिन में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आदेश में कहा, वर्ष 2018 और 2020 में संशोधन अधिनियम के तहत राज्य में विशेष प्रायोजन के नाम पर 12.5 एकड़ से अधिक की भूमि खरीदी गई, लेकिन सरकार के संज्ञान में आया है कि जिन लोगों ने 12.50 एकड़ की सीमा से अधिक भूमि खरीदी उसका उस प्रायोजन से उपयोग नहीं हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें आदेश
मुख्य सचिव ने सीलिंग से अधिक भूमि खरीद की अनुमति व उसके प्रायोजन के संबंध में भी जानकारी मांगी है। आदेश के साथ दो अलग-अलग प्रारूप भी भेजे गए हैं, जिनमें भूमि, क्षेत्र, भूमि खरीदने वाले के बारे में सूचना भेजने को कहा गया है। आदेश में राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव, गढ़वाल और कुमाऊं मंडलायुक्तों और सभी डीएम को भेजा गया है।
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