नए मतदाताओं में उत्साह, सूची से नाम गायब होने पर गुस्सा, पूर्व सीएम हरीश रावत का भी नाम कटा, केशरवाला में मतदान का बहिष्कार

उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर नए मतदाताओं में उत्साह है। साथ ही बूढ़े और जवान, महिलाओं सभी में उत्साह देखा गया। सुबह से ही बूथों पर लंबी कतारें लग गईं। वहीं, मतदाता सूची से नाम गायब होने की शिकायतें भी प्रदेश के कई स्थानों से आ रही हैं। इससे मतदाताओं में गुस्सा भी है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी का नाम भी मतदाता सूची में नहीं मिला। देहरादून के केशरवाला में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया। यहां राजकीय इंटर कालेज केशरवाला में सुबह करीब नौ बजे तक एक ही वोट पड़ा था। प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मान मनोवल का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों ने सड़क की मांग लेकर पहले ही चुनाव बहिष्कार का एलान किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में आज गुरुवार 23 जनवरी 2025 की सुबह आठ बजे से राज्य की 100 नगर निकायों में मतदान शुरू हो गया गया था। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई । स्थानीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से हो रहा है। मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। 25 जनवरी को मतगणना होगी। सुबह 10 बजे तक 12 फीसद मतदान हो चुका था। वहीं, शाम चार बजे तक 56.81 फीसद मतदान हो गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में दून सिटिज़न फोरम के सदस्य जगमोहन मेंदीरत्ता ने बताया कि फोरम के पास सेकड़ो लोगो कि शिकायत आ रही है कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब कर दिए गए हैं। उन्होंने पिछली बार मतदान किया था, परंतु इस बार उनके परिवार सहित नाम गायब हैं। दून सिटिज़न फोरम के अनूप नॉटियाल ने हाई कोर्ट नैनीताल से अपील कि है कि इसकी जांच करवाने का कष्ट करें। इसी तरह की शिकायतें कोटद्वार और अन्य स्थानों से भी आ रही हैं। आरोप है कि कई स्थानों पर महिला को पुरुष, पुरुष को महिला लिखा गया है। नाम में शाब्दिक गलतियां हैं और ऐसे लोगों को भी बगैर वोट डाले लौटाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व सीएम हरीश रावत का भी मतदाता सूची से नाम गायब
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत जब वोट डालने की तैयारी कर रहे थे तो पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें बड़ा धक्का लगा है। मैंने माजरा से लोकसभा चुनाव में वोट दिया था। यहां बीएलओ भी आया था। यहां भी किराए पर रहते हैं। पहले राजपुर में किराए पर रहता था, लेकिन वोट माजरा में था। अब कहीं नहीं है। उन्होंने इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग में बात की, तो जवाब मिला कि अभी सर्वर डाउन है। पूर्व सीएम रावत ने कहा कि उन्हें गहरा दुख है। हजारों लोगों के नाम काट दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी का नाम भी लिस्ट से गायब
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम भी मतदाता सूची से गायब है। गरिमा का कहना है कि उनका और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहा है। उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी वोटिंग की थी, लेकिन उनका नाम इस बार की निकाय चुनाव की सूची से गायब है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तरकाशी की नगर पालिका बड़कोट में मतदाताओं को लेकर तनाव की स्थिति शुरू हो थी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के पोलिंग बूथ पर काफी देर तक हंगामा होता रहा है। आरोप है कि मतदाता सूची में नाम होने के बाद भी कई मतदाताओं को मतदान से रोका जा रहा है। भाजपा के प्रत्याशी अतोल रावत ने कहा कि जिसका आधार कार्ड बड़कोट नगर पालिका क्षेत्र के नाम पर होगा, उसी को मतदान का अधिकार है। वहीं, अन्य प्रत्याशी इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मतदाता सूची में नाम होना चाहिए। वोटर के पास उसकी पहचान आईडी होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक होना चाहिए, उसे मतदान का अधिकार है। वहीं, आरओ ने कहा कि कौन व्यक्ति वोट दे सकता है और कौन नहीं दे सकता है, यह अधिकार पीठासीन अधिकारी को है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले छह वर्षों के दौरान उत्तराखंड में नगर निगमों की संख्या 11 हो गई है। श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में इस बार पहली बार चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले ये नगर पालिकाएं थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, महिलाओं को मतदान करने के प्रति जागरूक करने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिंक बूथ सजाकर तैयार किए गए हैं। देहरादून में इनकी संख्या 20 है। इन बूथों में महिला कार्मिक एवं सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगायी गई है। यहां सिर्फ महिलाएं ही मतदान कर सकेंगी। सभी पिंक बूथ को गुलाबी गुब्बारों, होर्डिंग एवं बैनर से सजाया गया है। ताकि अधिक से अधिक महिलाएं यहां पहुंचकर मेयर और पार्षद के लिए अपना मतदान कर सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यभर में मतदान के लिए राज्य में कुल 1515 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कुल बूथों की संख्या 3394 है। निकायों में मतदाताओं की कुल संख्या 30.29 लाख है। साथ ही उत्तराखंड में निकाय चुनाव के मद्देनजर 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में सभी सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों में सवेतन सार्वजनिक अवकाश है (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हाल ही में राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने जानकारी दी थी कि निकाय चुनाव में कुल 5405 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 11 नगर निगमों में मेयर पद के लिए 72 प्रत्याशी, 89 नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए 445 प्रत्याशी और पार्षद व वार्ड सदस्य पदों के लिए 4888 प्रत्याशी शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने व्यापक तैयारियां की हैं। जिसमें कुल 30,29,000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान के लिए 1515 मतदान केंद्र और 3394 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। चुनाव प्रक्रिया के लिए 16,284 चुनाव कर्मी और 25,800 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।