चुनाव सर्वे से उत्साहित भाजपाई आपस में भिड़ रहे, पहले दून में हुआ विवाद, अब रुड़की में मेयर से भिड़ गए विधायक के समर्थक

आगामी विधानसभा को लेकर एबीपी-सी वोटर का चुनाव सर्वे सही है या फिर भाजपा की ओर से प्रायोजित। चाहे जो हो, लेकिन इन दिनों तो हर जिले में भाजपा के कई गुट नजर आ रहे हैं। कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से ऐसे गुटों में विवाद हो रहा है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कल ही कांग्रेस पर तंज किया कि वह गुटबाजी में उलझी है। कांग्रेस में छह गुट हैं। इस बीच चार और पांच सितंबर को भाजपा नेताओं के आपस में ही घटनाएं सामने आई। इसे या तो सत्ता का नशा कहा जाए, या फिर कथित चुनाव सर्वे से उत्साह।
चुनाव सर्वे पर सवाल
हालांकि किसके मन में क्या है, वो भविष्य में किसे वोट देगा। ये शायद वोट देने वाले को भी पता न हो, लेकिन चुनाव सर्वे करने वाली एजेंसी को सब कुछ मालूम है। तीस साल से ज्यादा पत्रकारिता के अनुभव से इस बात को दावे के साथ कहा जा सकता है कि सारे सर्वे फर्जी होते हैं। क्योंकि सर्वे करने वाले किससे बात करते हैं ये भी पता नहीं। क्योंकि मेरे पास आज तक न तो कोई सर्वे वाला आया और न ही मेरे किसी परिचित या रिश्तेदार के पास। जिससे इन सर्वे वालों के दावे को सही ठहराया जा सकता है। फिर यदि चुनाव चार या छह माह बाद हो तो किसे क्या पता कि उस दौरान परिस्थिति क्या होने जा रही है। हां ये बात अलग है कि मतदान के दिन कुछ अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि हवा किस तरफ चल रही है। ऐसे में ये सर्वे राजनीतिक दलों से लाभ लेने के सिवाय कुछ भी नहीं हैं।
ये किया गया दावा
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए एबीपी-सी वोटर के सर्वे में उत्तराखंड, यूपी में राज्य में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनती नजर आ रही है। ऐसे में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है। वहीं, यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने ऐसे सर्वे को भ्रामक करार दिया। उत्तराखंड के सर्वे में सत्तारूढ़ बीजेपी को सबसे अधिक 44-48 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 19-23 सीटें मिलने की बात कही गई है। उधर, उत्तराखंड की जनता ने मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस नेता हरीश रावत को सबसे ज्यादा पंसद किया है। वहीं, बीजेपी के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरे नंबर पर हैं।
सर्वे से इतने खुश कि कार्यकर्ता को धमकाने लगे विधायक
देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सीएम के कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ता पर ही विधायक बिगड़ गए। उन्होंने उसे औकात दिखाने की धमकी तक दे डाली। चार सिंतबर को रायपुर डिग्री कॉलेज में नए भवन की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने से पहले स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही दल के कार्यकर्त्ताओं पर बरस पड़े। अनुशासन का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक और कार्यकर्त्ताओं में सीएम के कार्यक्रम से ठीक पहले जबरदस्त भिड़ंत देखकर मौके पर तमाशा खड़ा हो गया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने काऊ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने कार्यक्रम को छोड़ने तक की धमकी दे दी। भाजपा विधायक अपने ही पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को औकात में रहने तक की धमकी देने लगे। विधायक जिस कार्यकर्त्ता से उलझे वह जिला पंचायत के सदस्य हैं और पार्टी में 15 से 20 सालों के लिए काम कर रहे हैं।
अब रुड़की में भिड़े विधायक समर्थक और मेयर
भाजपा में चल रहा घमासान थम नहीं पा रहा है। देहरादून के बाद रुड़की में भी कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में महापौर और झबरेड़ा से भाजपा के विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थकों के बीच मंच पर जमकर बवाल हुआ। बीच-बचाव को पहुंचे जिलाध्यक्ष डा. जयपाल सिंह चौहान से भी उनकी तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान यतीश्वरानंद मूक दर्शक बने रहे। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। इसके बाद आधे घंटे में कार्यक्रम का समापन भी कर दिया गया।
नगर निगम की ओर से गंगनहर के गणेशपुर पुल पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का रविवार को अनावरण किया जाना था। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, महापौर गौरव गोयल, भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मयंक गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष अमन त्यागी, पार्षद विवेक चौधरी, मंडी समिति के चेयरमैन ठाकुर योगेन्द्र सिंह पुंडीर आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम शुरू ही हुआ था कि झबरेड़ा के विधायक देशराज कर्णवाल के प्रतिनिधि और पार्षद सतीश शर्मा समर्थकों के साथ पहुंचे। शर्मा ने आरोप लगाया कि महापौर के इशारे पर प्रतिमा के नीचे लगाए गए शिलापट पर महापौर का नाम विधायक कर्णवाल से ऊपर लिखा गया है। उन्होंने इसे विधायक का अपमान करार दिया। इस पर महापौर गौरव गोयल ने विरोध किया तो दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। मंच का संचालन कर रहे भाजपा के जिला महामंत्री आदेश सैनी ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हुआ। इस बीच जिलाध्यक्ष डा. चौहान ने विधायक समर्थकों को रोकने की कोशिश की तो समर्थक उनसे भी भिड़ गए।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।