पेश की मिसालः स्कूल संचालन के लिए दिया मस्जिद का परिसर, नमाज के दौरान बंद किया लाउडस्पीकर
बच्चों की पढ़ाई के लिए मुस्लिम समाज के लोगों ने एक मिसाल पेश की। उन्होंने स्कूल के संचालन के लिए मस्जिद का परिसर दे दिया। साथ ही बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो, इसके लिए भी पूरा ध्यान रखा है।
बच्चों की पढ़ाई के लिए मुस्लिम समाज के लोगों ने एक मिसाल पेश की। उन्होंने स्कूल के संचालन के लिए मस्जिद का परिसर दे दिया। साथ ही बच्चों की पढ़ाई में कोई व्यवधान ना हो, इसके लिए भी पूरा ध्यान रखा है। इसके तहत नमाज के समय लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कर दिया गया है। मामला पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी का है। यहां एक मस्जिद की पहल काफी चर्चा का विषय बन गई है। अब मस्जिद में नमाज के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। ऐसा निर्णय मुस्लिम समाज के लोगों ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर लिया है, ताकि उनको कोई व्यवधान नहीं पहुंचे।वहीं मस्जिद ने बच्चों के क्लास के लिए अपना परिसर भी दिया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के इस कार्य की सभी सराहना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि बच्चों की शिक्षा को देखते हुए यह एक प्रशंसा करने योग्य फैसला है। इस संबंध में मस्जिद के इमाम नजीमुल हक बताते हैं कि मस्जिद में नमाज के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है, ताकि हमारे परिसर में बिना शोर-शराबे के साथ बच्चे पढ़ाई कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है।
स्कूल के शिक्षक इंद्रनील साहा ने बताया कि मस्जिद का संचालन देखने वालों का बहुत ही अच्छा सहयोग रहा है। यहां पर छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं हैं। राज्य सरकार ने क्लास 9 से12 वीं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कीं हैं। हम ऑफलाइन क्लास के तहत यहां बच्चों को मस्जिद परिसर में खुले में पढ़ा रहे हैं।





