देहरादून के गांधी पार्क में कंक्रीट से निर्माण, पर्यावरण प्रेमियों ने किया विरोध

देहरादून में शहर में घंटाघर के निकट एक ही जगह ऐसी है, जहां कुछ हरियाली है। इसका लाभ भी वर्षों से वे लोग उठा रहे हैं, जो सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए वहां जाते हैं। यही नहीं गर्मियों में तेज धूप में भी कई बार लोग वहां पेड़ों की छांव के नीचे बैठकर आराम फरमाते हैं और शाम को भी पैदल चलने वालों की वहां भीड़ रहती है। ये स्थल है गांधी पार्क। अब सौंदर्यकरण कहो या फिर बिजनेस। नगर निगम इस पार्क में कैंटीन का निर्माण करा रहा है। इसका पार्क में पैदल भ्रमण करने के लिए जाने वाले लोगों ने विरोध किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वैसे तो किसी व्यायाम से पहले दो घंटे तक कुछ खाना नहीं चाहिए। साथ ही व्यायाम कुछ देर तक भी चाय का अन्य किसी खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करना चाहिए। तभी व्यायाम का शरीर पर बेहतर प्रभाव पड़ता है। ऐसा विशेषज्ञों की कई रिपोर्ट बताती है। पैदल चलो या फिर दौड़ लगाओ। दोनों ही व्यायाम है। यदि कसरत करोगे तो और सोने पर सुहागा। गांधी पार्क में शरीर को दुरुस्त बने रहने के लिए सुबह और शाम ऐसे लोग भी पहुंचते हैं, जो नियमित रूप से वर्षों से वहां आ रहे हैं। यदि पार्क को ही खानपान का केंद्र बना दिया जाएगा तो व्यायाम या वॉक का इस स्थल के औचित्य पर ही सवाल खड़े हो जाएंगे। पार्क के बाहर राजपुर रोड पर खानपान की कई दुकानें हैं। फिर पार्क के भीतर कैंटीन का निर्माण क्यों किया जा रहा है, ये समझ से परे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गांधी पार्क में भ्रमण पर पहुंचने वाले लोगों में वरिष्ठ नागरिक जगमोहन मेंदीरत्ता, अशोक अग्रवाल, यशपाल आनंद, नरेश चंडोक, महेश नरूला, अशोक जॉली, राजकुमार, राजेश कुमार आदि ने गांधी पार्क में कैंटीन बनाने के मामले को लेकर देहरादून के मेयर को मेल कर गांधी पार्क में कंक्रीट के किसी भी कार्य को रोकने की मांग की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि अब इस बात को लेकर दुख है कि हरी घास को नष्ट करके पेदल पथ के साथ ही कंक्रीट से कैंटीन का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ पेड़ भी काटे जाएंगे। इससे नित्य सैर करने वालो में भारी रोष है। इससे न केवल हरियाली नष्ट होगी, अपितु पार्क नशे का अड्डा बन जायेगा। साथ ही गंदगी भी फैलेगी। ऐसे में इस कार्य को तुरंत रुकवाया जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून के पर्यावरण को लेकर समय समय पर हो रहे आंदोलनों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने वाले जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि यदि पार्क में कैंटीन का निर्माण नहीं रोका गया तो पर्यावरण प्रेमी इसे लेकर आंदोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में शहरभर के पर्यावरण प्रेमियों की आपस में वार्ता भी हुई। इसमें तय किया गया कि कल गुरुवार 25 सितंबर को मेयर से मुलाकात कर अपनी भावनाओं से उन्हें अवगत कराया जाएगा। यदि फिर भी पार्क का पर्यावरण बिगाड़ने की कोशिश होती है तो विभिन्न सामाजिक संगठन पार्क को बचाने के लिए आंदोलन को बाध्य होंगे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।