कॉलेजों में छात्रों की 75 फीसद उपस्थिति सुनिश्चित करना एक अच्छा कदम, निजी विश्वविद्यालयों में भी हो लागूः डॉ सुनील अग्रवाल

निजी कॉलेज एसोसिएशन उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ सुनील अग्रवाल ने राज्य सरकार की ओर से उच्च शिक्षा के कॉलेजों में छात्रों की 75 फीसद उपस्थिति सुनिश्चित करवाएं जाने को शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में छात्रों में कक्षा में उपस्थित होने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है। ऐसे में सरकारी आदेश से छात्रों की उपस्थिति में सुधार होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
साथ ही डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यह व्यवस्था निजी विश्वविद्यालयों में सुनिश्चित करवाया जाना आवश्यक है। अन्यथा की छात्र निजी कॉलेजों के बजाय निजी विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आकर्षित होंगे। क्योंकि निजी विश्वविद्यालय में पास होने की भी और कक्षा में छूट की भी गुंजाइश बनी रहेगी। जब तक निजी विश्वविद्यालयों में छात्रों की 75 फीसद उपस्थिति की बाध्यता नहीं होगी, तब तक शिक्षा में सुधार की उक्त कवायद अधूरी रह जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा की छात्रों की 75% उपस्थिति निजी विश्वविद्यालयों में और सरकारी कॉलेजों में पहले शुरू की जाए। इससे छात्रों में कक्षा में उपस्थित होने की बाध्यता समझ में आएगी। नहीं तो प्राइवेट कॉलेजों में जब उपस्थिति कम होने पर छात्रों को परीक्षा से रोका जाएगा, तो छात्र अपनी कमी बताने के बजाय कॉलेज पर अतिरिक्त फीस मांगने का आरोप लगाएंगे। ऐसी स्थिति में प्राइवेट कॉलेज के लिए गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। साथ ही छात्र निजी विश्वविद्यालयों की ओर अग्रसर होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वैसे भी छोटे से प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों की भरमार है। इसके कारण अधिकांश कॉलेज छात्रों की कमी के कारण छात्रों और अभिभावकों की अपेक्षा को मानने के लिए मजबूर हैं। क्योंकि अभिभावक भी कई बार अपेक्षा रखते हैं कि छात्र कक्षा में उपस्थित नहीं होगा। इसलिए वर्तमान शिक्षा में सुधार की कवायद तभी सार्थक होगी, जब इसे निजी विश्वविद्यालयों में भी लागू करवाया जाए।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।