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June 17, 2025

मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड अखबार के ऑफिस को किया सील

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्‍ड समाचार पत्र के ऑफिस को सील कर दिया है। जांच एजेंसी ने नेशनल हेराल्‍ड से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की है।

प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्‍ड समाचार पत्र के ऑफिस को सील कर दिया है। जांच एजेंसी ने नेशनल हेराल्‍ड से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में यह कार्रवाई की है। गौरतलब है कि ईडी ने कल नेशनल हेराल्‍ड ऑफिस सहित 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी एक दिन पहले की गई थी। नेशनल हेराल्‍ड अखबार से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की गई पूछताछ के कुछ दिनों बाद यह कार्रवाई की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के यंग इंडियन के अधिग्रहण से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार से ईडी पूछाताछ कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति में ₹800 करोड़ से भी अधिक के हरेफेर किया है। आयकर विभाग के अनुसार, इसे यंग इंडियन के शेयर धारकों सोनिया गांधी और राहुल गांधी की संपत्ति माना जाना चाहिए, जिसके लिए उन्हें कर का भुगतान करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इससे पहले 27 जुलाई को ही ईडी ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किया था। यह पूछताछ 3 दिनों तक चली थी। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया से हेराल्ड से जुड़े 40 से ज्यादा सवाल पूछे थे। सोनिया से पहले ईडी राहुल गांधी से भी 50 घंटे से ज्यादा की पूछताछ कर चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

90 करोड़ रुपये का लोन देने का आरोप
इसी सिलसिले में मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के बुलाया था। उनसे नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को पहले कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ रुपये का लोन देने और बाद में उसे यंग इंडिया को बेचे जाने की पूरी प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुब्रमण्यम स्वामी ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सबसे पहले 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में निजी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को महज 50 लाख रुपये में खरीदे जाने को अवैध करार देते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत मामले से जुड़े कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

निचली अदालत में यह है मामला
इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपित बनाए गए। मोतीलाल वोरा व आस्कर फर्नांडिस का निधन हो चुका है। अब यह मामला वर्तमान में राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ईडी ने स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया था मुकदमा
सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दाखिल मुकदमे में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए ईडी ने 2014 में एक मामला दर्ज किया था। ईडी ने सिर्फ यह देखने के लिए जांच शुरू की थी कि इस मामले में क्या कोई मनी लांड्रिंग हुई है? इस दौरान साल 2019 में ईडी ने केस से जुड़ी 64 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी कांग्रेस
इस मामले में आयकर विभाग ने सोनिया और राहुल गांधी समेत अन्य आरोपितों को पुनर्मूल्यांकन नोटिस दिया था। इसको चुनौती देने वाली सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य की याचिकाओं पर वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले में एक याचिका हाई कोर्ट द्वारा नौ सितंबर 2018 को खारिज कर दी थी। जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां कोर्ट ने आयकर विभाग की जांच को जारी रखा था और जांच पूरी होने तक कोई भी आदेश पारित नहीं करने का निर्देश दिया था।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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