आम बजट से कर्मचारी नाखुश, एटक ने पीएम को भेजा ज्ञापन, पुरानी पेंशन बहाली सहित की ये मांग
केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए आम बजट से कर्मचारी संगठन भी खुश नहीं हैं। इस बजट में उन्हें तमाम खामियां दिख रही है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) से जुड़े कर्मियों ने आज देहरादून में जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। इसमें कर्मचारियों के संदर्भ में बजट की खामियों को गिनाया। साथ ही उन्हें दूर करने के साथ ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एटक की जिला देहरादून शाखा की ओर से प्रेषित ज्ञापन में कहा गया है कि ट्रेड यूनियनों की मांग है कि नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए। साथ ही सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, स्कीम वर्करों को सेवाओं में नियमित करने, कृषि कामगारों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को न्यूनतम वेतन देने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एटक के मुताबिक, इस बजट में असंगठित क्षेत्र के 94 प्रतिशत श्रमिकों के हितों की अनदेखी की गयी है। इन श्रमिकों की देश की जीडीपी में साठ प्रतिशत हिस्सेदारी है। साथ ही दीर्घकालीन गुणवत्तापूर्ण रोजगार पैदा करने के बारे में बजट में कोई प्राविधान नही किया गया है। देश में औपचारिक शिक्षा केन्द्रों की स्थापना किए बगैर कारीगरों और शिल्पकारों को उत्पादन में गुणवत्ता लाने में निपुण नही किया जा सकता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया है कि महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के तहत बजट आंवटन गत वर्ष से कम किया गया है। जो कि आधी आबादी के लिए निराशाजनक है। साथ ही बेटी बचाओं- बेटी पढ़ाओं, नारी अदालत, महिला पुलिस स्वंय सेवक, बस स्टाप सेंटर और महिला हेल्पलाईन जैसी महिला सुरक्षा पर ध्यानकेद्रिंत करने वाली योजनाओं में बजट में आवंटन 587 करोड़ से घटाकर 562 करोड़ किया गया है। जो उचित नही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यही नहीं, बजट इस मामले में खामोशी धारण कर लेता है कि धन कहां से आयेगाा। बडे़ कारपोरेट उद्योगों पर टैक्स की दरे बढ़ाकर घाटे की प्रतिपूर्ति नही की गयी है। यह बोझ भी जनतापर छोड़ दिया गया है। आवश्यक खाद्य, वस्तुओं के दामों को कम कारने का कोई उपाय बजट में नही हैं। आटा, दाल, दूध, रसोई, गैस आदि का दाम बढ़ाकर सरकार ने देश के मेहनतकश वर्ग को लूटा है। उक्त दृष्टिकोण से बजट सामाजिक विकास को बढ़ाने में असफल है। तथा देश में भूख, गरीबी एवं बेरोजगारी जैसी गहन समस्याओं से निपटने में अक्षम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन में कहा गया है कि हम एटक से जुडे श्रमिक प्रस्तुत बजट को गैर मानवीय एवं मजदूर विरोधी करार देते हैं। साथ ही अनुरोध करते है कि बजट के प्रावधानों को आम जनता के हित में संशोधित किया जाये। ताकि उक्त समस्याओं का हल सम्भव हो सके।कष्ट हेतु धन्यवाद। ज्ञापन देने वालों में एटक के जिला मंत्री अनिल उनियाल, अशोक शर्मा, सोहन सिंह रजवार, धर्मानंद भट्ट, वीरेंद्र सिंह, भुवनेश्वर ध्यानी, प्रदीप कश्यप, लक्ष्मी नारायण भट्ट, विशेष कुमार, नरेंद्र सिंह, डीपी जोशी आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।