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February 4, 2025

आयुद्ध निर्माणियों के निगमीकरण के खिलाफ गरजे कर्मचारी संगठन, आंदोलन की दी चेतावनी

आयुद्ध निर्माणियों के निगमीकरण के खिलाफ सीटू की संगोष्ठी आज देहरादून में रायपुर रोड स्थित गुरु नानक अकेडमी के सामने होटल स्वास्तिक के सभागार में सम्पन्न हुई।

आयुद्ध निर्माणियों के निगमीकरण के खिलाफ सीटू की संगोष्ठी आज देहरादून में रायपुर रोड स्थित गुरु नानक अकेडमी के सामने होटल स्वास्तिक के सभागार में सम्पन्न हुई। ट्रेड यूनियनों व कर्मचारियों के भारी विरोध के बावजूद ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों का केंद्र की मोदी सरकार की ओर से निगमीकरण करके उन्हें निजी हाथों में सौपने की तैयारी की पहले से ही कड़ी निंदा की जा रही थी और इसका विरोध किया जा रहा था। केंद्र की मोदी सरकार ने भारी विरोध के बावजूद आयुद्ध निर्माणियों का निगमीकरण कर दिया गया। इस पर बैठक में कड़ा विरोध करते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी गई।
बैठक में सीटू के प्रांतीय महामन्त्री एमपी जखमोला, आल इंडिया डिफेंस इम्प्लाइज फेडरेशन, डील कर्मचारी संघ, इम्प्लाइज यूनियन ओएलएफ, इम्प्लाइज यूनियन ओएफडी के कार्यकर्ताओ के साथ ही रक्षा कर्मचारी समन्वय समिति के संयोजक पूरण सिंह, शशी नौटियाल, ताजबर सिंह रावत, दिनेश नौटियाल, अनिल गोस्वामी, चरनजीत सिंह, सीटू के जिला अध्यक्ष कृष्ण गुंजियाल, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सीटू रक्षा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर संघर्षरत है। आयुद्ध निर्माणियों का निगमीकरण रद्द कर पूर्व व्यवस्था बहाल करने तक सभी आयुध निर्माणीयों का सफल संचालन के लिए आवश्यक बजट एवं वित्तीय सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए। सभी आयुद्ध निर्माणियों को वर्कलोड प्रदान किया जाना चाहिए। श्रम संहिताओं को रद्द किया जाना चाहिए। आवश्यक प्रतिरक्षा सेवा अधिनियम 2021 को समाप्त किया जाना चाहिए।
इस मौके पर नई पेंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाली, आयुध निर्माणीयों में अतिकाल की गणना पूर्व की भांति करने, आयुध निर्माणी में कामगारों के जनतांत्रिक एवं संवैधानिक अधिकार तथा ट्रेड यूनियन अधिकार सुनिश्चित किए जाने, कामगार की मृत्यु एवं अपंगता के उपरांत शत प्रतिशत अनुकंपा आधारित नियुक्ति प्रदान करने, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के दिन से ही पेंशन, ग्रेजुएटी एवं अन्य हितलाभ प्रदान करने, डीआरडीओ में गोको मॉडल एवं आउट सोर्स पर रोके लगाई जाए आयुध निर्माणीयों के अस्पतालों व डीआरडीओ के स्कूलों का संचालन प्रबंधन की ओर से स्वयं करने और समुचित फंड का निवेश करने की मांग भी की गई।
साथ ही अन्य उपकरणों की कमी पूरी करने, केंद्र कर्मचारियों को 18 महीने का लंबित डीए, डीआर का भुगतान शीघ्र करने, कामगारों को सभी प्रकार के क्लेम जैसे मेडिकल एलटीसी एडवांस तथा जीपीएफ आदि का भुगतान समय पर करने, आयुध निर्माणी कामगारों के सेवा शर्तों को भारतीय संविधान एवं कैबिनेट के निर्णय के और आश्वासन के आधार पर संरक्षित कर वादाखिलाफी नहीं करने, ठेका कर्मियों का उत्पीड़न शोषण बंद करने, सख्त श्रम कानून लागू करने, देहरादून आयुध निर्माणी रायपुर में निकाले गए 100 ठेका कर्मियों को तत्काल बहाल करने की मांग की गी। साथ ही कहा कि यदि सरकार इन न्यायोचित मांगों को पूरा नही करती है तो आने वाले दिनों में बृहद आंदोलन किया जाएगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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