इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल के खिलाफ विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने दिया धरना, दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि यह बिल केन्द्र सरकार अपने कुछ उद्योगपतियों के दबाव में ला रही है। सरकार कार्मिकों व उपभोक्तओं के हितों के विपरीत जबदस्ती इस बिल को पास कराने में आमदा है। बिजली कर्मचारी किसी भी सुरत में इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। वक्ताओं ने कहा कि इस बिल के आने से उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली के दाम झेलने को तैयार रहना पड़ेगा। साथ ही इसके आने से कार्मिकों का उत्पीड़न शुरू हो जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर बिजली निगमों को घाटे की ओर ले जाने की साजिश रच रही। ताकि अपने उद्योगपति साथियों को औने पौने दामों में इसे बेचा जा सके। निगमों की ओर से नये बिजली घर, नयी लाईने तैयार कर एकदम बढ़िया इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया गया है। अब केंद्र सरकार इसे बेचने की तैयारी कर रही है। इसे देश का बिजली कार्मिक किसी भी सुरत में बिकने नहीं देगा। सभी वक्ताओं ने एक सुर में केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि शीघ्रताशीघ्र इलेक्ट्रीसीटी अमेन्डमेंट बिल-2022 को वापस लिया जाए। नहीं तो बिजली कर्मचारी और अधिकारी किसी भी बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। फिर भी यदि केंद्र सरकार द्वारा इस अधिनियम को बिजली कर्मचारियों पर जबरदस्ती थोपने का प्रयास करती है उत्तराखंड सहित देश के सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार की होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान कार्तिकेय दुबे, अमित रंजन, बीरबल सिंह, पवन रावत, विनोद कवि, अनिल उनियाल, अनिल मिश्रा, एन.एस. बिष्ट, शैलेंद्र सिंह, नरेश कुमार, सुधीर सिंह, अनिल धीमान, मोहित डबराल, मोहन मित्तल, कैलाश कुमार, बबलू सिंह, राहूल चानना, राहूल अग्रवाल, मनोज रावत, शिखा अग्रवाल, नीता चैहान, शीला बोरा, निरज उनियाल, स्वाति पंत, के.डी. जोशी, सुभाश कुमार अनिल नौटियाल, बिजेन्द्र भण्डारी, केसर सिंह, प्रमोद भण्डारी, संजय कुमार सहित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।