उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को पहली अप्रैल से लगेगा झटका, दरों में की गई इतनी बढ़ोत्तरी
उत्तराखंड में अब पहली अप्रैल से बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने जा रहा है। बिजली की दरों में विद्युत नियामक आयोग ने 9.64 फीसद तक की बढ़ोतरी कर दी है। गुरुवार को नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन ने टैरिफ जारी किया। इस साल नए वित्तीय वर्ष के लिए यूपीसीएल ने 16.96 प्रतिशत, यूजेवीएनएल ने करीब दो और पिटकुल ने नौ प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। इस पर जनसुनवाई के बाद आयोग ने करीब 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का निर्णय लिया था। लेकिन आयोग ने बिजली दरों में 9.64% की ही बढ़ोतरी की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये लिए गए निर्णय
बिजली दरों में 9.64% की बढ़ोतरी की गई है।
प्रदेश के चार लाख घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी 10 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।
आयोग ने फिक्स चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया है।
करीब 7000 मत्स्य पालक अब कॉमर्शियल के बजाय कृषि उपभोक्ता के तौर पर बिजली का लाभ ले सकेंगे।
10 दिन में बिल का डिजिटल भुगतान करने पर उपभोक्ता को 1.50% और अन्य माध्यम से 1 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
किसान अगर ट्यूबवेल का बिल एक माह में जमा कराएगा तो उसे 5% की छूट दी जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन श्रेणी में इतनी महंगी होगी बिजली
घरेलू – 6.98%
अघरेलु – 11.41%
गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी – 14.16%
प्राइवेट ट्यूबवेल – 7.61%
एलटी इंडस्ट्री – 11.21%
एचटी इंडस्ट्री – 11.05%
मिक्स लोड – 15.54%
रेलवे – 22.12%
ईवी चार्जिंग स्टेशन – 13.64% (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पिछले साल भी तीन बार बढ़ाई गई थी दरें
पिछले साल 2022 में बिजली की दरों में तीन बार वृद्धि की गई थी। पिछले साल उत्तराखंड में एक साल में 26 पैसे से लेकर 1.11 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली के दर में तीन बार बढ़ोत्तरी की गई थी। एक अप्रैल से बिजली की दरों में 2.68 फीसद की वृद्धि हुई। सितंबर में 3.85 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के बाद अक्टूबर में सात पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घाटे का बजट
17 मार्च को उत्तराखंड सरकार ने ग्रीष्मकालीन विधानसभा गैरसैंण में वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया गया और इसे पारित किया गया। सरकार ने पिछले साल की तुलना में 18 फीसद की वृद्धि के साथ 77407 करोड़ का बजट पेश किया। इसके लिए 24744.31 करोड़ रुपए सरकार अपने संसाधनों से जुटाएगी। फिर सवाल उठता है कि बाकी 52663 करोड रुपए सरकार कहां से जुटाएगी। इसका उल्लेख बजट में स्पष्ट रूप से नहीं किया गया है। या तो सरकार अपने बाकी कामों को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेगी या फिर बिजली, पानी सहित अन्य मदों से राजस्व बढ़ाकर कुछ घाटे को पाटने का काम किया जाएगा। इसकी शुरूआत कर दी गई है। वहीं, अब प्रदेश सरकार एक अप्रैल से उत्तराखंड में पीने का पानी भी नौ से 15 फीसदी तक महंगा करने जा रही है।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।