चुनाव आयोग ने अपने एक प्रोटोकॉल में किया बदलाव, सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत अभी पांच चरण का मतदान होना है। चुनावी जोड़तोड़ के बीच भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने अपने एक प्रोटोकॉल में बदलाव किया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) की सिंबल लोडिंग यूनिट की हैंडलिंग और लोडिंग के साथ भंडारण के लिए प्रोटोकॉल को संशोधित कर दिया है। ईसीआई (ECI) की ओर से इस बात की जानकारी बुधवार, 1 मई को दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि ईसीआई ने ईवीएम और वीवीपैट की सिंबल लोडिंग यूनिट की हैंडलिंग और लोडिंग के साथ भंडारण के लिए प्रोटोकॉल को संशोधित किया है। सभी सीईओ को निर्देश दे दिए गए हैं कि नए प्रोटोकॉल्स को लागू कराने के लिए वे जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रावधानों को बनवाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
SLU मेमोरी यूनिट है, जिससे जरिए किसी खास सीट पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवाकों के नाम और उनकी पार्टी का सिंबल VVPAT या पेपर ट्रेल मशीनों पर अपलोड किया जाता है। चुनाव आयोग ने कहा कि जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, संशोधित प्रोटोकॉल 1 मई 2024 को या उसके बाद VVPAT में सिंबल लोडिंग प्रक्रिया के पूरे होने के सभी मामलों में लागू होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले SLU को स्थानीय चुनाव अधिकारियों को सौंप दिया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अदालत ने दिए थे ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खन्ना ने अपने फैसले में निर्वाचन आयोग को मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में चिह्न लोड करने वाली स्टोर यूनिट्स को 45 दिनों के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षित करने के निर्देश दिए। चूंकि कोई भी व्यक्ति परिणाम की घोषणा के 45 दिनों के अंदर निर्वाचन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दायर कर सकता है। इसलिए EVM और पर्चियां 45 दिनों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं, ताकि अदालत द्वारा रिकार्ड मांगे जाने पर उसे उपलब्ध कराया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
7 दिनों के अंदर करनी होगी अपील
शीर्ष अदालत ने EVM निर्माताओं के इंजीनियरों को यह अनुमति दी कि वे परिणाम घोषित होने के बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर मशीन के माइक्रो कंट्रोलर को सत्यापित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि माइक्रो कंट्रोलर के वेरिफिकेशन के लिए अपील नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए पहले फीस देनी होगी। बेंच ने कहा कि अगर वेरिफिकेशन के दौरान यह पाया गया कि EVM से छेड़छाड़ की गई है, तो उम्मीदवार की ओर से दी गई फीस लौटा दी जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अभी होना है पांच चरण का मतदान
बता दें कि लोकसभा चुनाव सात चरण में हो रहे हैं। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को हो चुकी है। 7 मई को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 13 मई को चौथे दौर की वोटिंग है। पांचवें दौर की वोटिंग 20 मई को होगी। छठें दौर की वोटिंग 25 मई को है। 1 जून को सातवें फेज की वोटिंग होनी है। लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।