एक अकेला इस शहर में, दिल ढूंढता है-गीत के मशहूर बॉलीवुड गायक भूपेंद्र सिंह का निधन, देर रात किया गया अंतिम संस्कार
एक अकेला इस शहर में, दिल ढूंढता है सहित कई दमदार गीत और गजल गाने वाले बॉलीवुड के मशहूर गायक, गजल लेखक भूपेंद्र सिंह का 82 साल की उम्र में मुंबई में निधन हो गया।
भूपेन्द्र के निधन की खबर उनकी पत्नी मिताली सिंह ने दी है। उनकी पत्नी मिताली सिंह भी मशहूर गायिका हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिन से भूपेन्द्र कई बीमारियों का सामना कर रहे थे, उन्हें यूरिनरी इंफेक्शन भी था। 6 फरवरी 1940 को अमृतसर में जन्मे सिंगर भूपेंद्र सिंह ने संगीत की शिक्षा अपने पिता नत्था सिंह से प्राप्त की। वह बचपन से ही गिटार बजाने में माहिर थे। डॉक्टरों को उन्हें कैंसर होने का शक था, लेकिन उनके कोरोना संक्रमित होने की वजह से टेस्ट नहीं हो पाए थे।
उन्होंने बचपन में अपने पिता से गिटार बजाना सीखा था। दिल्ली आने के बाद उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए एक गायक और गिटारवादक के रूप में काम किया। साल 1964 में संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें अपना पहला बड़ा ब्रेक दिया था। साल 1978 में रिलीज हुई एक फिल्म में गुलजार के लिखे गाने ‘वो जो शहर था’ से उन्हें लोकप्रियता हासिल हुई।
भूपिंदर ने 1980 के दशक में बांग्ला गायिका मिताली मुखर्जी से शादी की थी। शादी के बाद उन्होंने पाश्र्व गायन से किनारा कर लिया। दोनों ने कई कार्यक्रम एक साथ प्रस्तुत किए और भूपिंदर-मिताली की जोड़ी खूब मशहूर हो गई। दोनों ने खूब नाम और शोहरत कमाई। कपल की कोई संतान नहीं है।
गाए कई बेहतरीन नगमे
भूपिंदर सिंह ने कई बेहतरीन नगमे गाए। जैसे नाम गुम जाएगा, होठों पे ऐसी बात, करोगे याद तो, मीठे बोल बोले, दिल ढूंढता है, हुजूर इस कदर यूं ना इतरा कर चलिए, खुश रहो अहले-वतन हम तो सफर करते हैं, कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, दरो-दीवार पे हसरत से नजर करते हैं इसमें शामिल हैं। ये गीत आज भी गुनगुनाए जाते हैं। भूपिंदर ने कई बेहतरीन एल्बम गीत भी गाए।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।