भारत में आज मनाई जा रही है ईद, मस्जिदों में जुटे हजारों नमाजी, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी बधाई, जानिए इतिहास और महत्व
रमजान का पवित्र महीना पूरा होने पर आज ईद-उल-फितर मनाया जा रहा है। ईद के मौके पर देशभर में मस्जिदों और ईदगाहों में नमाज अदा करने वालों की भारी भीड़ उमड़ी है। दिल्ली की जामा मस्जिद में सुबह नमाज अदा की गई। इसके साथ ही देशभर में अन्य मस्जिदों में नमाज अदा करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। मस्जिदों में जुटे नमाजियों ने ईद के मुबारक मौके पर नमाज अदा की और इसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर लोगों को ईद के मुबारक मौके पर बधाई दी है। सोशल मीडिया पर देर रात से बधाइयों का दौर चल रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईद प्यार और करुणा की भावनाओं को बांटने का त्योहार
राष्ट्रपति भवन द्वारा शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि ईद प्यार और करुणा की भावनाओं को बांटने का त्योहार है। त्योहार हमें एकजुटता और आपसी सद्भाव का संदेश देती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने ईद-उल-फित्र की पूर्व संध्या पर नागरिकों को बधाई दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोग एकता के मूल्यों को महसूस कर रहे हैं
शुक्रवार को पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों के लिए शांति, स्वास्थ्य और खुशी की कामना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रमजान के दौरान, दुनिया भर के मुसलमानों ने उपवास और प्रार्थना की है। ईद-उल-फित्र के अवसर पर दुनिया के लोग एकता के मूल्यों को महसूस कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मस्जिद और ईदगाहों में जुटी भीड़
दिल्ली के साथ ही देश के अन्य शहर, गांव, कस्बों की मस्जिद, ईदगाह में लोगों की भारी भीड़ जुटी। ईद की नमाज अदा करने के बाद लोगों ने सारे गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी। गौरतलब है कि इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान का पावन महीना समाप्त होने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सुबह शुरुआत सुबह नमाज के साथ हो जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पाक माह रमजान के आखिर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं। इसके साथ ही रोजा और रमजान माह खत्म हो जाता है। पूरी दुनिया में मुसलमान हर्षोल्लास के साथ ईद का जश्न मनाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, एक दूसरे को गले लगकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। ईद के मौके पर मीठी सेवई बनाई जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इतिहास और महत्व
सन 624 ईसवी में जंग-ए-बदर के बाद पैगम्बर मुहम्मद ने पहली बार ईद-उल-फितर मनाई थी। पवित्र रमजान माह के प्रारंभ के साथ रोजा रखा जाता है। हर दिन अल्लाह की इबादत की जाती है। रमजान के 29वें या 30वें दिन ईद-उल-फितर का त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर रमजान के खत्म होने का संदेश है। रमजान माह चांद के दिखने पर शुरू होता है और ईद भी चांद के दिखने पर ही मनाई जाती है। मुसलमानों का हिजरी कैलेंडर चांद पर आधारित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे एक माह तक रोजा रखने और खुदा की इबादत करने पर अल्लाह ईद-उल-फितर को खुशी के तौर पर देता है। ईद भाईचारे का संदेश देती है। ईद के दिन लोग जकात देते हैं। इसका अर्थ है कि हर सक्षम मुसलमान अपनी कमाई में से कुछ हिस्सा गरीबों में बांटता है, ताकि वे भी ईद की खुशी मना सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईद नफरतों को भूलाकर आपसी प्रेम बढ़ाने का संदेश देती है। इस वजह से लोग अपने मनमुटावों को दूर कर खुशी से गले मिलते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। इस मौके पर एक दूसरे को उपहार भी दिया जाता है. परिवार के बड़े सदस्य छोटों को ईदी देते हैं। ईद-उल-फितर के अवसर पर दावत दी जाती है, जिसमें दोस्त, रिश्तेदार और शुभ चिंतकों को शामिल किया जाता है। इसमें अनेक प्रकार के पकवान परोसे जाते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।