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April 24, 2025

शिक्षा क्रांतिः पीएम मोदी की घोषणा का अरविंद केजरीवाल ने किया स्वागत, कहा-ऐसे लग जाएंगे सौ साल, लिखा पत्र, दिए ये सुझाव

देश की राजनीति में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक नई पहल तो शुरू की, जिसका अब सभी राजनीतिक दल अनुसरण कर रहे हैं। ये पहल है शिक्षा और स्वास्थ्य पर बात करना। शिक्षा के क्षेत्र में तो दिल्ली मॉडल पर इतनी बात हो रही है कि अब राजस्थान की सरकार हो, या तमिलनाडू की।  या फिर अन्य राज्यों में बीजेपी की सरकार हो। सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास सहित बच्चों को अन्य सुविधाएं देने की बात कर रहे हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी क्यों पीछे रहते। उन्होंने भी देश में 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का ऐलान किया। हालांकि, पीएम ने जिस पीएमश्री योजना का ऐलान किया, ये योजना भी नई नहीं है। इसके संबंध में एक फरवरी 2021 के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण घोषणा कर चुकी थी। तब उन्होंने 15 हजार स्कूलों को अपग्रेड करने की बात कही थी। हालांकि पीएम मोदी की घोषणा में पांच सौ स्कूल कम कर दिए गए हैं। अब शिक्षा दिवस के मौके पर पीएम की ओर से की गई घोषणा का दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वागत किया। साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को सुझाव भी किए। इस संबंध में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजा। उन्होंने पत्र के साथ एक ट्विट भी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अरविंद केजरीवाल ने ट्विट किया कि-प्रधानमंत्री जी को मेरा पत्र। उन्होंने 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने का एलान किया, बहुत अच्छा। लेकिन देश में 10 लाख सरकारी स्कूल हैं। इस तरह तो सारे स्कूल ठीक करने में सौ साल से ज़्यादा लग जाएँगे। आपसे अनुरोध है कि सभी दस लाख स्कूलों को एक साथ ठीक करने का प्लान बनाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा। इसमें लिखी बातों का जिक्र इस प्रकार है-
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
मुझे मीडिया से पता चला है कि केंद्र सरकार ने देश भर में 14,500 स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना बनायी है। ये बहुत अच्छी बात है। पूरे देश में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है। उनको अपग्रेड और आधुनिक
बनाने की बहुत ज़रूरत है। देश भर में रोज़ 27 करोड़ बच्चे स्कूल जाते हैं। इनमें लगभग 18 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। 80% से ज़्यादा सरकारी स्कूलों की हालत किसी कबाड़खाने से भी ज़्यादा ख़राब है। अगर करोड़ों बच्चों को हम ऐसी शिक्षा दे रहे हैं तो सोचिए भारत कैसे विकसित देश बनेगा? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

1947 में हमसे बहुत बड़ी गलती हुई। देश आज़ाद होते ही सबसे पहले हमें भारत के हर गाँव और हर मोहल्ले में शानदार सरकारी स्कूल खोलने चाहिए थे। कोई भी मुल्क अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिए बिना तरक़्क़ी नहीं
कर सकता। 1947 में हमने ऐसा नहीं किया ज़्यादा दुःख की बात ये है कि अगले 75 साल भी हमने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने पर ध्यान नहीं दिया। क्या भारत अब और वक्त बर्बाद कर सकता है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आपने केवल 14,500 सरकारी स्कूलों को ठीक करने की योजना बनायी है। देश भर में दस लाख से ज़्यादा सरकारी स्कूल हैं। ऐसे तो सारे सरकारी स्कूलों को ठीक करने में सौ साल से भी ज़्यादा लग जाएँगे। तो क्या अगले सौ साल भी हम दूसरे देशों से पीछे रह जाएँगे? देश के हर सरकारी स्कूल में शानदार शिक्षा की व्यवस्था के बिना हमारा देश विकसित देश नहीं बन सकता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देश के 130 करोड़ लोग अब और रुकने के लिए तैयार नहीं हैं। सब लोग चाहते हैं कि भारत दुनिया का नम्बर वन देश बने, भारत एक अमीर देश बने, भारत एक सर्वश्रेष्ठ और शक्तिशाली देश बने । इसलिए मेरा आपसे आग्रह है कि 14,500 की बजाय सारे दस लाख सरकारी स्कूलों को शानदार बनाने की योजना बनायी जाए। इसमें सभी राज्य सरकारों को साथ लिया जाए और अगले पाँच वर्षों में इसे कार्यान्वित किया जाए। सारा देश यही चाहता है। दिल्ली में हमने बहुत कम पैसों में सरकारी स्कूल बहुत शानदार बना दिए। राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में हम पूरी तरह आपका सहयोग करेंगे। सादर, अरविंद केजरीवाल। देखें पत्र—-

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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