भाजपा सरकार के राज में हिमाचल प्रदेश में गिरा शिक्षा का स्तर, साढ़े चार साल के भीतर 500 स्कूल हुए बंद: आप
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा भाजपा की जय राम सरकार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदतर से बदतर हो गई है। हालत यह है कि पिछले साढ़े 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश में लगभग 500 से ज्यादा स्कूलों का ताला लटक गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2022- 23 की अगर बात करें तो अब तक सभी स्कूलों में 153 सरकारी स्कूलों में ताला लग चुका है। इसमें सबसे ज्यादा जिला शिमला में 39 स्कूल बंद हुए हैं, जबकि कांगड़ा में 30 और मंडी में 26 स्कूल बंद हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे दर्जनों स्कूल हैं जहां पर अब अभिभावक रुचि नहीं दिखा रहे हैं और स्कूलों में ताले लटक गए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि साढ़े 4 साल के कार्यकाल में खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी शिक्षा मंत्रियों से असंतुष्ट दिखाई दिए। कभी सुरेश भारद्वाज तो कभी गोविंद ठाकुर को शिक्षा मंत्री बनाया गया। क्योंकि इन दोनों मंत्रियों से न तो शिक्षा व्यवस्था को सुधारा गया और ना ही शिक्षा की गुणवत्ता को। हालत यह रहे कि साढे 4 सालों में शिक्षकों के तबादले ही करते रहे। यह दोनों मंत्री अपने चहेतों को मनपसंद स्कूलों में तैनाती देते रहे और साढ़े 4 साल में पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के ओएसडी भी एक शिक्षक थे। उन्होंने मंत्री की चाटुकारिता करने के लिए शिक्षक का कार्य छोड़ दिया। जिन्हें बाद में खुद मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शहरी मंत्री बनते ही ओएसडी पद से हटा दिया।
प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आज प्रदेश की हालत बद से बदतर होती जा रही है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में न तो शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही पीने के पानी की। ऐसे में भाजपा सरकार सिर्फ अपनी राजनीतिक गोटियां फिट करने के लिए ही भ्रष्टाचार को अंजाम देती रही, लेकिन मूलभूत सुविधाओं पर कोई गौर नहीं किया गया।
प्रदेश प्रवक्ता ने जयराम सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यू-डाइस 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल 18145 स्कूलों की संख्या है। जिसमें 10574 प्राइमरी स्कूल 1948 मिडल स्कूल है। इन स्कूलों में 4096 प्राइमरी स्कूलों की हालत खस्ता है। स्कूलों में क्लासरूम की हालत खस्ता है,जिसमें 318 मिडल स्कूलों ,468 हाई स्कूलों और 1615 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में क्लासरूम की हालत खस्ता है।
उन्होंने कहा कि प्राइमरी कक्षाओं के लिए 22 हजार 93 शिक्षक हैं। अपर प्राइमरी में 10442, सेंकेडरी कक्षाओं के लिए 7849 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 12459 शिक्षक अन्य सभी तरह के स्कूलों में कुल शिक्षकों की संख्या 67,249 है जिसमें अधिकतर खाली पड़े हुए हैं। उन्होंने जयराम पर निशाना साधते हुए कहा कि जयराम जी शिक्षा पर बात क्यों नहीं करते, स्वास्थ्य पर बात क्यों नहीं करते। उन्होंने यहां की शिक्षा और स्कूलों को नहीं सुधारा। यहां के अस्पतालों को नहीं सुधारा। जहां मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता अब जयराम और भाजपा सरकार से ऊब चुकी है और जनता ने मन बना दिया है कि बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दिल्ली मॉडल को हिमाचल में भी लाना है। यानी अरविंद केजरीवाल की सरकार हिमाचल में बनानी है। जो दिल्ली की तरह हिमाचल के स्कूलों और स्वास्थय व्यवस्था को सुधारे ताकि प्रदेश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो। प्रदेश में सरकारी स्कूलों का सुधार हो और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाकर प्रदेश को उन्नति व प्रगति की ओर ले जाएं। आम आदमी पार्टी की स्वच्छ, ईमानदार और राष्ट्रवादी सरकार को बनाकर बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।