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December 17, 2024

क्या मीठा खाने से नहीं होती डायबिटीज, जानिए इसके मिथ और असल कारण

शुगर की बीमारी भारत में पांव पसार रही है। देश में इसके 10 करोड़ से अधिक मरीज हैं। मधुमेह में सबसे ज्यादा खाने का ख्याल रखा जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि जो लोग मीठा अधिक खाते हैं उन्हें डायबिटीज होती है। वहीं, कुछ के दिमाग में यह धारणा बैठ गई है कि एक बार डायबिटीज होने के बाद ये कभी ठीक नहीं हो सकती। साथ ही आपने सुना होगा कि ज्यादा चीनी या मीठा खाने से डायबिटीज हो जाती है। वहीं, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा चीनी या मीठा खाने से डायबिटीज नहीं होती है, लेकिन अगर जरूरत से ज्यादा चीनी खा रहे हैं तो डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। हम आपको इस बीमारी से जुड़े मिथ और हकीकत को बताने जा रहे हैं। क्योंकि आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कर ऐसे मिथ को दूर कर सकते हैं। क्योंकि जागरुक होना ही बचाव की राह में पहला कदम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये कहते हैं एक्सपर्ट
एक्सपर्ट की राय ये रहती है कि मीठा खाने से डायबिटीज का कोई सीधा संबंध नहीं है। आजतक ऐसी कोई रिसर्च नहीं हुई है, जिसमें कहा गया है कि ज्यादा मीठा खाना आपको डायबिटीज का शिकार बना सकता है। डायबिटीज होने का कारण मीठा खाना नहीं, बल्कि शरीर में इन्सुलिन का सही मात्रा में न बनना होता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में मौजूद पैन्क्रियाज में इन्सुलिन सही तरीके से नहीं बनता है तो खून में ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है। ग्लूकोज के अधिक बढ़ने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ जाता है। अगर शुगर का लेवल लगातार कई महीनों से बढ़ा हुआ है और कंट्रोल नहीं हो रहा है तो बाद में ये डायबिटीज की बीमारी बन जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डायबिटीज में इंसुलिन का काम
इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जिसका निर्माण अग्नाशय में होता है। हमारा आमाशय कार्बोहाइड्रेट्स को रक्त शर्करा में परिवर्तित करता है। इंसुलिन के माध्यम से यह रक्त शर्करा ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यदि पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर दे तो ब्‍लड ग्‍लूकोज ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होगी। ऊर्जा की कमी के कारण व्यक्ति जल्दी थक जाएगा। इसलिए ऊर्जावान रहने के लिए इंसुलिन का निर्माण होना जरूरी है। इंसुलिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। इंसुलिन के जरिए ही रक्त में कोशिकाओं को शुगर मिलती है। यानी इंसुलिन शरीर के अन्य भागों में शुगर पहुंचाने का काम करता है। इंसुलिन द्वारा पहुंचाई गई शुगर से ही कोशिकाओं या सेल्स को ऊर्जा मिलती है। इसलिए डायबिटीज के रोगियों को इंसुलिन की अतिरिक्‍त खुराक दी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंसुलिन न बने तो क्या होगा
अगर पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या सेल्स इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं देती तो शुगर कोशिकाओं में जाने की बजाय ब्लड में जमा होने लगेगी। लंबे समय तक ऐसा रहने से हार्ट, किडनी से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसी की वजह से डायबिटीज होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डायबिटीज के उपचार में इंसुलिन की भूमिका
डायबिटीज के रोगियों में ब्‍लड शुगर को सामान्‍य रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज के रोगियों को हमेशा इंसुलिन की जरूरत होती है, वास्‍तव में ऐसा नहीं है। टाइप2 डायबिटीज से ग्रस्‍त रोगी भी बिना इंसुलिन के इसका उपचार कर सकता है। दवाओं के साथ-साथ उचित खानपान और नियमित दिनचर्या के साथ टाइप2 डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डायबिटीज की असली वजह क्या है
एक्सरसाइज न करना, ज्यादा वजन, पर्याप्त नींद न लेना, शराब पीना, कम चीनी खाने के बाद भी डायबिटीज हो सकता है। कई स्टडी में ज्यादा मात्रा में चीनी या मीठा खाने के कई साइड इफेक्ट्स बताए गए हैं। फलों और खाने में पाए जाने वाला शुगर ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता। प्रोसेस्ड चीनी ज्यादा नुकसान पहुंचाने का काम करती है। पैक्ड फ्रूट जूस, कोल्ड ड्रिंक्स, चॉकलेट्स, कुकीज में पाए जाने वाला मीठा नुकसान पहुंचा सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना एक फल खाने से भी डायबिटीज का खतरा 7 से 13 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
नोटः यह लेख सामान्य जानकारी प्रदान करता है। किसी भी समस्या के लिए चिकित्सक से परामर्श करें (हम अगले पैरे से डायबिटिक से संबंधी मिथ और उसके फैक्ट बता रहे हैं)

मिथ- डायबिटिक व्यक्ति हमेशा डायबिटिक ही रहता है।
फैक्ट- एक्सपर्ट कहते हैं कि आप डायबिटीज को बहुत अच्छे से कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी डाइट में और लाइफस्टाइल में बदलाव करने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने से आप डायबिटिक होते हुए भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं और इसपर नियंत्रण रख सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मिथ- मधुमेह रोगियों को फल नहीं खाने चाहिए।
फैक्ट- एक्सपर्ट कहते हैं कि यह एक मिथ है कि डायबिटीज पेशेंट को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। वास्तव में फलों का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर में सुधार आता है और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। सभी फलों का सेवन करने से शुगर लेवल नहीं बढ़ता है। बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल के साथ-साथ यह हृदय रोग, कैंसर और भी कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मिथ- ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज होती है।
फैक्ट- अधिक मीठा खाने से डायबिटीज का कोई सीधा संबंध नहीं है। हमारी खराब लाइफस्टाइल और डाइट से डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक बैठे रहना, फिजिकली एक्टिव ना होना, पैकेज्ड फूड का अधिक सेवन करना डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मिथ- अगर आपको डायबिटीज है, तो आप कोई भी मिठाई नहीं खा सकते।
फैक्ट- एक्सपर्ट कहते हैं कि यह एक मिथ है कि आप मधुमेह होने पर कोई भी मिठाई नहीं खा सकते हैं। हालांकि, सच यह है कि डायबिटीज पेशेंट को रिफाइंड शुगर से बनी हुई मिठाइयों का सेवन करने से मना किया जाता है। क्योंकि यह आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकती है। शुगर से बनी मिठाइयों की बजाए आप कुछ हेल्दी ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं। जैसे खजूर, अन्जीर, किशमिश। इससे आपकी सेहत भी बनी रहेगी और ब्लड शुगर लेवल पर कंट्रोल में रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मिथ- डायबिटीज केवल मोटापे से ग्रस्त लोगों को ही प्रभावित करती है।
फैक्ट- एक्सपर्ट कहते हैं कि मोटापा बीमारियों की जड़ होता है। इसलिए डायबिटीज को लेकर भी हमारे दिमाग में हमेशा यह गलतफहमी बनी रहती है कि डायबिटीज मोटे लोग को अपना शिकार बनाती है। जबकि पतले लोगों को डायबिटीज होने का अधिक खतरा बना रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मिथ- मधुमेह की दवा के दौरान आप जो चाहें खा सकते हैं।
फैक्ट- अक्सर लोगों के दिमाग में यह बात रहती है कि हम दवा का सेवन कर रहे हैं। तो हम अपनी डाइट में किसी भी खाद्य पदार्थ को शामिल कर सकते हैं। हालांकि यह सच नहीं है क्योंकि डायबिटीज में सबसे ज्यादा ख्याल खाने-पीने का ही रखा जाता है। इसमें सीमित मात्रा में सभी पोषक तत्वों को शामिल करते हुए डाइट को फॉलो किया जाता है। याद रखें कि आप दवा से अपने शुगर को नियंत्रित रख सकते हैं। यह कुछ भी खाने के लिए आपका फ्री पास नहीं है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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