पांच मिनट में सर्वाधिक माल्टा खाने वाले को मिलेगा नगद पुरस्कार, यहां होगी प्रतियोगिता, जानिए ईनाम की राशि
उत्तराखंड में माल्टा उत्पाद को लेकर समय समय पर चिंता व्यक्त कर रहे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने अब माल्टा के शौकीनों की एक अनौखी प्रतियोगिता कराने जा रहे हैं। पांच मिनट में सर्वाधिक माल्टा खाने वाले को वह माल्टाश्री पुरस्कार से नवाजेंगे। ये प्रतियोगिता 18 दिसंबर को आयोजित होगी।
पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हरीश रावत समय-समय पर अपने घर ऐसे उत्पादों से तैयार भोजन की दावत भी दे चुके हैं। ऐसी दावतों में वे भाजपा के नेताओं तक को आमंत्रित कर चुके हैं। इन दिनों कुछ दिनों ने वह माल्टा को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया में इसे लेकर कुछ कुछ दिन के अंतराल में वह पोस्ट भी डाल चुके हैं। साथ ही वह विपक्ष के नेताओं के अनुरोध कर चुके हैं कि इस बार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में माल्टे के विषय को उठाना न भूलें।
18 दिसंबर को होगी प्रतियोगिता
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में ताजा पोस्ट डाली कि मैं माल्टा प्रेमियों को ‘माल्टा खाओ प्रतियोगिता’ के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। 5 मिनट में सर्वाधिक माल्टा खाने वाले को ‘माल्टाश्री पुरस्कार’ दिया जायेगा। 18 दिसंबर को दोपहर 2:15 बजे ‘माल्टा श्री प्रतियोगिता’ में कौन 5 मिनट में सबसे ज्यादा माल्टा खा सकता है!

हरीश रावत ने जानकारी दी कि प्रतियोगिता श्रीमती दानी देवी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आयोजित किया जाएगा। ओल्ड मसूरी रोड स्थित उनके आवास में आयोजित इस कार्यक्रम का समय दोपहर दो बजे रखा गया है। पांच मिनट में सर्वाधिक माल्टा खाने वालों के लिए प्रथम प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार रखे गए हैं। पुरस्कार राशि 1000, 500, 300 व 250 रुपया दी जायेगी। साथ ही विजेताओं स्मृति चिह्न भी दिए जाएंगे। इस दौरान दर्शकों को माल्टा, हरिद्वार व किच्छा के गुड़ के साथ चाय, कंडाली (बिच्छूघास के पत्ते) के पकौड़े सर्व किये जाएंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 17 दिसंबर की शाम तक मोबाइल नंबर-9927512714 में अपना नाम दर्ज कराना होगा।
माल्टा को लेकर हरीश रावत की चिंता
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया में हरीश रावत माल्टे को लेकर भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। इससे संबंधित पोस्ट में उन्होंने माल्टे की कुछ फोटो भी शेयर की थी। इसके साथ ही लिखा कि- माल्टे की बेकद्री से मैं बहुत चिंतित हूं। हमारा माल्टा, संतरा और नींबू बहुत स्वादिष्ट हैं। लोगों से कहा जा रहा है कि आप तीन रुपये किलो नींबू व 7 रुपया किलो माल्टा बेचो। वो भी खरीद केंद्र पर खरीदा जायेगा। जितना मूल्य नहीं मिलेगा उससे ज्यादा ढुलाई लग जायेगी।
उन्होंने आगे लिखा था- राज्य सरकार या तो ढुलाई के दाम भी खुद दे। साथ ही ये सुझाव दिया कि- और मेरा सुझाव है कि यदि खरीद मूल्य घोषित भी कर दिया है, तो नींबू व माल्टा पर 2-3 रुपया बोनस प्रति किलो के हिसाब से दीजिये। जिससे कम से कम माल्टा और नींबू पैदा करने वाला काश्तकार कुछ तो राहत महसूस करे और आगे नींबू व माल्टे लगायेगा।
हरीश रावत ने चेताया था कि- यदि ऐसा ही हिसाब रहा तो जिन लोगों ने नींबू व माल्टा का पेड़ कहीं लगाया भी होगा, तो उसे भी उखाड़ कर फेंक देंगे। उन्होंने लिखा था- और मैं राज्य सरकार को यह भी सुझाव दूंगा कि नींबू, माल्टा व संतरे का जो रस बनाकर के उसकी प्रोसेसिंग करने वाले लोग हैं, उनको भी प्रोत्साहित करिये। ये काम जो लोग कर रहे हैं, उन तक पहुंचिये और उनसे कहिये कि आप खरीदो और सरकार की तरफ से आपको प्रोत्साहन दिया जायेगा।
क्या है माल्टा
माल्टा नींबू प्रजाति का खुशबूदार एंटी ऑक्सीडेंट और शक्तिवर्धक फल है। इसका रस ही नहीं, बल्की छिलका भी कारगर है। माल्टा के सेवन से जहां त्वचा चमकदार रहती है वहीं दिल भी दुरुस्त रहता है। बाल मजबूर होते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।