दिल्ली एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, केंद्र रहा यूपी का गाजियाबाद
उत्तराखंड में भूकंप आने के एक दिन बाद ही दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र यूपी का गाजियाबाद क्षेत्र रहा। हालांकि भूकंप के झटके हल्के थे। इसका अधिकांश लोगों को इसलिए भी पता नहीं चल पाया होगा कि वो गहरी नींद में रहे होंगे। भूकंप के झटके सुबह चार बजकर 07 मिनट पर महसूस किए गए। रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता 2.7 दर्ज की गई। दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाके में इस साल अप्रैल माह से ही जून माह तक सात बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इससे यहां के लोगों को भूकंप की दृष्टि से दहशत होना लाजमी है।
गौरतलब है कि मंगलवार की सुबह उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप का केंद्र हरिद्वार बताया गया है। रिक्टर पैमाने में इसकी तीव्रता 3.9 आंकी गई है। साथ ही समय सुबह 9 बजकर 41 मिनट बताया गया। इससे पहले उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 15 नवंबर की रात 10.31 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।
इस साल कई बार आ चुके हैं भूकंप
उत्तराखंड में हर साल छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं। इसी साल 21 अप्रैल को चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र चमोली जिला रहा। भूकंप की तीव्रता 3.3 और गहराई पांच किमी मापी गई है। इसका केंद्र चमोली बताया गया।
इससे पहले 13 अप्रैल को बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मैग्नाट्यूट आंकी गई। भूकंप का केंद्र बागेश्वर ही बताया गया। इसकी गहराई पांच किमी दूर मापी गई थी।
25 अगस्त उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में शाम को 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग घबराकर घरों से बाहर निकल गए। हालांकि कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र टिहरी जिले में था। 15 नवंबर को उत्तरकाशी जनपद में 10.31 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र मातला वन रेंज रहा। जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.3 आंकी गई है। एक दिसंबर को हरिद्वार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 3.9 थी।
ये हैं भूकंप के कारण
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले चार सालों में मेन सेंट्रल थ्रस्ट पर 71 से ज्यादा बार भूकंप के झटके आ चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह क्षेत्र कितना सक्रिय है। उनका कहना है कि छोटे-छोटे भूकंप के झटके बड़े झटकों की संभावनाओं को रोक देते है। मेन सेंट्रल थ्रस्ट के रूप में जाने जानी वाली दरार 2500 किमी लंबी और कई भागों में विभाजित है। इंडियन और एशियन प्लेट के बीच दबाव टकराने और घर्षण से भूकंप की घटना होती है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।