उत्तराखंड में भूकंप से डोली उत्तरकाशी की धरती, दहशत में आए लोग
आज शनिवार यानी कि नौ अप्रैल की शाम को उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले की धरती भूकंप से डोलने लगी। इससे लोगों में भय का वातावरण हो गया और लोग घरों से बाहर निकल पड़े।
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नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, शाम करीब चार बजकर 52 मिनट, 36 सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई। इसका केंद्र जमीन के भीतर करीब दस किलमीटर की गहराई पर था। बड़कोट, यमुनोत्री घाटी के अलावा पुरोला में सबसे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग घरों से बाहर खुले मैदान की ओर दौड़ पड़े।
भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।
उत्तरकाशी और चमोली में आ चुके हैं बड़े भूकंप
उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।