पृथ्वी संरक्षण समय की दरकार, प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन को बताया खतरनाक, की गई नाटक की प्रस्तुति

समारोह के मुख्य अतिथि एवं यूकॉस्ट महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने अपने संबोधन में कहा कि हर गुज़रते साल के साथ जलवायु खराब होती जा रही है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी प्रकृति को बचाने और संरक्षित करने में मदद करें। इसलिए पृथ्वी दिवस संगठन के अनुसार पृथ्वी दिवस 2022 का विषय “हमारे ग्रह में निवेश करें” है। साथ ही डॉ. डोभाल ने इस दौरान उल्लेख किया कि वृक्ष ही जलवायु व मौसम को ठीक रखते हैं, वन्य जीवन को संरक्षण देते हैं, बाढ़ व भू आपदा को नियंत्रित करते हैं, इसलिए वैज्ञानिक शोध व तकनीकों से वृषारोपण व वनीकरण किया बेहद महतवपूर्ण है।
इस दौरान डीएवी के प्राचार्य डॉ अजय सक्सेना ने कहा कि यह विशेष दिन लोगों को जागरूक करने के लिए अति आवश्यक है, जिससे हम लोगो को जागरूक कर पृथ्वी को प्रदूषण, ग्लोबल वॉर्मिंग, पानी की कमी और अन्य संकटों से बचाने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड के उच्च शिक्षा संयुक्त निदेशक डॉ. एएस उनियाल ने अपने वक्तव्य में कहा कि वक्त के साथ सभी जरूरी प्राकृतिक संसाधनों का दोहन इस कदर हो रहा है कि समय से पहले की सभी संसाधन खत्म हो सकते हैं। ऐसे में मनुष्य के लिए पृथ्वी पर जीवित रहना मुश्किल हो जाएगा। इसी मुश्किल को हल करने के लिए प्रकृति प्रदत्त चीजों का संरक्षण करने की आवश्यकता है।
डीएवी महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर व कार्यक्रम समन्वयक डॉ प्रशांत सिंह ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने पृथ्वी के संरक्षण के महत्व को समझने के बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यक्रम में सीखी गई बातों को अपने सार्वजनिक जीवन में भी उतारने का आह्वान किया।
इस मौके पर डीएवी महाविद्यालय परिसर में मंत्रना सोसायटी के साइंस क्लब द्वारा यूकास्ट के सहयोग से बनाए गए “वर्मी कंपोस्ट संरचना” का यूकॉस्ट महानिदेशक डॉ० राजेंद्र डोभाल द्वारा लोकार्पण किया गया।विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर मंत्रणा सोसाइटी के ड्रामा क्लब द्वारा डीएवी महाविद्यालय, परिसर में बीते कल में दो नुक्कड़ नाटको का भी प्रस्तुतिकरण किया गया, जिसमे माध्यम से पृथ्वी को संरक्षित करने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक डीएवी महाविद्यालय, देहरादून के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रशांत सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डीएवी महाविद्यालय के मुख्य नियंता डॉ (मेजर) अतुल सिंह ने किया। कार्यक्रम में डॉ ओनिमा शर्मा, डॉ. एचएस रंधावा, डॉ. विनीत विशनोई तथा अन्य शिक्षणगण आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम में 60 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान महाविद्यालय के मंत्राणा सोसायटी, एनसीसी छात्रा एवं छात्र कैडेट्स कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।