चिंतन शिविर की एक सप्ताह में प्रत्येक अधिकारी को देनी होगी रिपोर्ट: मुख्य सचिव
इसके उपरांत सर्वप्रथम सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के अंतर्गत कृषि एवं बागवानी के अलावा एनिमल हसबेंडरी, डेयरी विकास एवं मत्स्य पालन पर प्रस्तुतिकरण पेश किया गया। इस दौरान उन्होंने बताया कि आज हमें कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में रिफार्म लाने की जरूरत है। पर्वतीय जिलों में बीज की गुणवत्ता सुधार की जरूरत है। पर्वतीय क्षेत्रों में जमीन की सेहत सुधार पर भी जोर दिया गया। आर्गेनिक के क्षेत्र को और आगे ले जाने पर जोर देते हुए बताया कि इससे कम से 50 हजार कृषकों को लाभ पहुँचाया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हमें रिसोर्स, टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन पर ध्यान देना होगा। साथ ही यह भी बताया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में कई विभाग काम कर रहे हैं, इसके लिए हमको सबको साथ लाने का प्रयास करना होगा। अलग-अलग विभागों की ओर से होने वाले जीओ के बजाय हमको कॉम्प्रीहेनशिव जीओ लाने होंगे। इसके अलावा क्लस्टर फार्मिंग पर जोर देने के साथ ही लैंड रिफार्म दोबारा किये जाने पर बल दिया गया। इससे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में मदद मिलेगी। यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों में 5 फलों के क्षेत्र में 5 सेंटर फार एक्सेलेन्स बनाने का लक्ष्य है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस दौरान रुद्रप्रयाग में स्टेट ऑफ आर्ट होमस्टे के अलावा नैनीताल जनपद में जिलाधिकारी धीराज गबर्याल द्वारा क्लस्टर बेस्ड कृषि प्रयासों की विशेष सराहना की गई। प्रस्तुतिकरण में जोर दिया गया कि लाइवस्टॉक में सुधार के लिए हमें बाहर से भी इन्हें लेना चाहिए और बद्री गाय को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसा करके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा 13 जिलों में गोट वैली विकसित किये जाने पर बल दिया गया। इस अवसर पर बिसन जी द्वारा सक्सेस स्टोरीज पर प्रस्तुतिकरण (पीएम गतिशक्ति) दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र में पर्यटन, नागरिक उड्डयन एवं पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट विषयों पर प्रस्तुतिकरण हुआ। पर्यटन सचिव सचिन क़ुर्बे ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में पर्यटन सालाना 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। हालांकि हमारे यहां अधिकांश पर्यटक धार्मिक पर्यटन हेतु आ रहा है जबकि हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में हमसे आगे है। इसमें सुधार की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यात्रा मार्गों पर शौचालय निर्माण के कार्य में तेजी लाई जा रही है। 52 नए शौचालय स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में बर्ड वाचिंग के क्षेत्र में तमाम संभावनाएं हैं। आसन बैराज इस लिहाज से उभरता हुआ डेस्टिनेशन है। औली के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। आईडीपीएल ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेन्टर निर्माण के लिए भूमि पर कब्जा लेने का कार्य शुरू किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चारधाम में विंटर टूरिज्म को विकसित करने के लिए नए स्पॉट विकसित किये जा रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हों। चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा में पर्यटन को बढ़ाने के लिए विशेष फोकस किया जा रहा है। रोपवे के लिहाज से सुरकंडा में यह प्रारंभ हो चुका है जिसके चलते यहां श्रद्धालु 32 प्रतिशत तक बढे हैं। देहरादून मसूरी-रोपवे, यमुनोत्री रोपवे पर आगे बढ़ा जा रहा है। केदारनाथ और हेमकुंड में रोपवे की आधारशिला रखी जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि राज्य में होमस्टे के क्षेत्र में होमस्टे नीति गेम चेंजर का काम कर रही है। इसके सुखद नतीजे मिले हैं। पर्यटन क्षेत्रों की ब्रांडिंग के लिए असाइनमेंट आधारित एजेंसी को इंगेज किया जा रहा है। एंगलिंग राज्य में नए क्षेत्र के रूप में उभरा है। इस क्षेत्र में चंपावत में काफी संभावना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने बताया कि सिविल एविएशन का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन गिने चुने राज्यों में शुमार है जहां लोग हेली का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे चारधाम यात्रा अहम वजह है। उन्होंने कहा कि हमें ट्रेवल अनुभव के क्षेत्र में सुधार करने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा
सत्र के दौरान पब्लिक फाइनेंस पालिसी एंड मैनेजमेंट पर बोलते हुए वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हमें अपने वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा। अभी 50 प्रतिशत वैट और gst से प्राप्तियां आती हैं जबकि 10 प्रतिशत स्टाम्प से आता है। बाकी 40 प्रतिशत विभागों से प्राप्त होता है। अन्य विभागों को इनका इनकम जेनरेशन की दिशा में ठोस काम करने की जरूरत है। खनन, आबकारी और वन विभाग को इस लिहाज से उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।
ग्रुप डिस्कशन सत्र का हुआ आयोजन
सत्र के दौरान सभी अधिकारियों को चार टीमों में बांटकर ग्रुप डिस्कशन एवं राइट अप एक्टिविटी का आयोजन हुआ।