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December 26, 2024

मंग्रल ग्रह पर दिखा धूल का शैतान, वीडियो देख नासा के वैज्ञानिक हुए हैरान

दुनियाभर के वैज्ञानिक ब्रह्मांड में जीवन की संभावनाओं को लेकर अध्ययन कर रहे हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का रोवर पर्सीवरेंस फिलहाल मंगल की सतह पर खोज कर रहा है। रोवर पर्सीवरेंस ने मंगल ग्रह से हैरान कर देने वाली तस्वीर भेजी है। दरअसल रोवर पर्सीवरेंस ने मंगल ग्रह से धूल के शैतान की तस्वीरें भेजी है। नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर ‘धूल के शैतान’ को घूमते हुए देखा है। यह घटना वैसी ही है जैसी पृथ्वी पर रेगिस्तानी इलाकों में होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धूल से भरा बवंडर
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पर्सीवरेंस रोवर ने मंगल ग्रह पर धूल से भरा बवंडर देखा है। एक वीडियो रोवर में फिट नैवकैम में से एक ने रिकॉर्ड किया है। चार सेकंड के दौरान यह वीडियो 21 फ्रेमों की मदद से बना है। मंगल ग्रह पर एक तेज धूप वाले दिन नासा के इस रोवर ने धूल के जिस एक बवंडर को रिकॉर्ड किया, वह करीब 1.2 मील यानी दो किलोमीटर लंबा और 200 फीट चौड़ा था। यह बवंडर जेजेरो क्रेटर के पश्चिमी रिम के पार चला गया। इस बवंडर को डस्‍ट डेविल यानी ‘धूल का शैतान’ नाम‍ दिया गया है। इसकी स्‍पीड को दिखाने के लिए वीडियो को 20 गुना तक तेज कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

मंगल ग्रह पर कैसे होते हैं बवंडर
बोल्डर कोलोराडो में स्‍पेस साइंस इंस्‍टीट्यूट के एक प्‍लानेट साइंटिस्‍ट और सदस्य मार्क लेमन ने कहा कि हम डस्‍ट डेविल का टॉप नहीं देखते हैं, लेकिन जो छाया वह फेंकता है उससे हमें उसकी ऊंचाई का अंदाजात हो जाता है। लेमन ने कहा कि अगर अंदाजा लगाया जाए तो यह बवंडर करीब लगभग 1.2 मील यानी दो किलोमीटर लंबा था। मंगल ग्रह पर इस तरह के बवंडर या फिर डस्‍ट डेविल एक आम बात है। यहां के हल्‍के वातावरण के अलावा जमीन और हवा के बीच तापमान का अंतर ऐसे तूफानों के लिए आदर्श स्थिति बनाता है। ये तूफान, पृथ्वी के बवंडरों की तुलना में बहुत कमजोर और छोटे होते हैं। लेकिन फिर भी वे ग्रह के चारों ओर धूल का तूफान ला सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वैज्ञानिक करते हैं अध्‍ययन
मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु को बेहतर ढंग से समझने के लिए वैज्ञानिक अक्‍सर इनका अध्ययन करते हैं। पर्सिवरेंस की टीम ने इस बवंडर की दूरी, गति और आकार को मापने के लिए वीडियो के डेटा का प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि यह रोवर से करीब 2.5 मील (4 किलोमीटर) दूर, ‘थोरोफेयर रिज’ नामक एक जगह पर था। साथ ही लगभग 12 मील प्रति घंटे यानी 19 किलोमीटर प्रति घंटे की स्‍पीड से पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ रहा था। वैज्ञानिकों ने इसकी छाया को देखकर इसकी ऊंचाई का भी अनुमान लगाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पृथ्‍वी से कितने अलग
डस्‍ट डेविल पृथ्वी पर भी बन सकते हैं जब गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी हवा के साथ मिलती है। लेकिन मंगल ग्रह पर, वे पृथ्वी की तुलना में बहुत बड़े हो सकते हैं। वे मंगल के उत्तरी गोलार्ध में वसंत और गर्मियों के महीनों के दौरान अधिक बार आते हैं और पर्सिवरेंस रोवर यहीं पर मौजूद है। हालांकि, वैज्ञानिक यह अनुमान नहीं लगा सकते कि वे कब और कहां दिखाई देंगे। इसलिए पर्सीवरेंस और उसका साथी नासा मार्स रोवर क्यूरियोसिटी सभी दिशाओं में उन पर नजर रखते हैं, डेटा को बचाने के लिए ब्‍लैक एंड व्‍हाइट फोटोग्राफ्स लेते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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