कोरोनारोधी व ऑक्सीजन की कमी दूर करने वाली DRDO की पाउडर दवा अगले सप्ताह होगी लॉंच, जानिए खासियत

डीआरडीओ की ओर से विकसित कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG)की 10 हजार डोज का पहला बैच अगले सप्ताह की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि कोविड मरीजों के लिए 2डीजी की 10000 खुराक का पहला बैच अगले हफ्ते की शुरुआत में ही लॉन्च करने की योजना है। उन्होंने बताया कि हम इसके उत्पादन को तेज कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा कोविड मरीजों के लिए यह उपलब्ध हो सके।
पाउडर के रूप में है दवा
इस दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंस (INMAS) ने हैदराबाद के डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर तैयार किया है। 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में होगी। इसे पानी में घोल कर पीना होगा।
गेम चेंजर की भूमिका निभा सकती है ये दवा
इससे पहले शुक्रवार को कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने बेंगलुरु में डीआरडीओ के कैंपस का दौरा किया। जहां वैज्ञानिकों ने उन्हें महामारी से निपटने में DROD के प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे 2 डीजी दवा कोविड के खिलाफ युद्ध में गेम चेंजर की भूमिका निभा सकती है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में सुधाकर के हवाले से कहा गया है कि- डीआरडीओ की ओर से विकसित 2-डीजी बड़ी उपलब्धि है। यह महामारी से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती। इससे अस्पतालों में भर्ती मरीज तेजी से ठीक होंगे और चिकित्सकीय ऑक्सीजन पर भी निर्भरता घटेगी।
ऑक्सीकेयर खरीदने को सरकार की मंजूरी
इसके अलावा सरकार ने डीआरडीओ की ओर से ही विकसित ‘ऑक्सीकेयर’ 1.5 लाख यूनिट खरीदने की मंजूरी भी दी है। इससे कोविड-19 संक्रमित रोगियों के इलाज में मदद मिलेगी। ऑक्सीकेयर SPO2 पर आधारित एक ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम है। रक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, ऑक्सीकेयर प्रणाली की खरीद पीएम केयर्स फंड का उपयोग करते हुए 322.5 करोड़ रूपये में की जाएगी।
2 डीजी को हाल में मिली थी मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने कोविड-19 का मुकाबला करने वाली इस दवा को मरीजों पर आपात इस्तेमाल की स्वीकृति हाल ही में दी थी। इस दवा का नाम 2-डीजी (deoxy D glucose) है। यह दवा डॉक्टरों की सलाह पर और इलाज के प्रोटोकॉल के तहत मरीजों को दी जा सकेगी। डीआरडीओ (DRDO) की लैब इन्मास (INMAS) ने डॉ. रेड्डीज लैब के साथ मिलकर ये दवा विकसित की है।
दवा का खासियत
यह अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज के तेजी से स्वस्थ होने में मदद करती है और ऑक्सीजन पर उसकी निर्भरता को कम करती है। यह दवा इलाज के दौरान कोरोना के मध्यम और गंभीर मरीजों को दी जा सकती है।
अब तक दी जा रही है ये दवा
भारत में अभी तक कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में रेमडेसिविर, फेबिफ्लू जैसी दवाओं के साथ कुछ नेजल स्प्रे को भी डॉक्टरी सलाह और कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है। अप्रैल के बाद से कोरोना के नए मामलों की सुनामी सी आ गई है। इस कारण दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट गहरा रहा है। अगर ये दवा कोरोना मरीजों के ऑक्सीजन की जरूरत को कम करती है तो मौजूदा संकट में भी यह मददगार साबित होगी।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।