Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 14, 2024

13 नवंबर को डॉ. स्वामीराम का 28 वां महासमाधि दिवस, एचआईएचटी में होगा भव्य समारोह, जानिए उनके बारे में

1 min read

डॉ. स्वामीराम

देहरादून में डोईवाला क्षेत्र में स्थित हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) के संस्थापक डॉ.स्वामी राम का 28 वां महासमाधि दिवस हर वर्ष की भांति 13 नवंबर को मनाया जाएगा। समारोह को लेकर तैयारियां जारी हैं। पद्मश्री स्वामी भारत भूषण (योगी) समारोह के मुख्य अतिथि रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. स्वामी राम जी का 28 वां महासमाधि दिवस समारोह भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा। समारोह को सफल बनाने के लिए संस्थान में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।  कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि पद्मश्री स्वामी भारत भूषण (योगी) समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुलाधिपति डॉ.  विजय धस्माना

इसी कड़ी में सामाजिक कार्यों को समर्पित संस्था ‘तरुण भारत संघ, अलवर, राजस्थान’ को स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया जाएगा। उनको यह सम्मान पर्यावरण व जल संरक्षण, जैविक खेती सहित ग्राम स्वाराज्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए दिया जा रहा है। पानी की किल्लत से जूझ रहे करीब 1000 गांवों में तरुण भारत संघ पानी पहुंचाने में कामयाब रहा। इस उपलब्धि के लिए संस्था को गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र व 10 लाख रुपए का नगद पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुलाधिपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि समारोह में संस्थान से जुड़े कर्मचारियों को ‘उत्कृष्ट कर्मचारी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान एचआईएचटी के वार्षिक कैलेंडर-2024 का विमोचन भी किया जाएगा। इसके बाद दोपहर में भंडारा आयोजित किया जाएगा। समारोह में स्वामी जी के अनुयायी भी शिरकत करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम
-11:00 बजे- मुख्य अतिथि का आदि-कैलाश प्रेक्षागृह (अस्पताल इमरजेंसी के नजदीक) में आगमन व प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ
-संस्थान के सर्वश्रेष्ठ कर्मचारियों का सम्मान
-स्वामी राम मानवता पुरस्कार-2023 प्रदान किया जाना (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. स्वामी राम रोक सकते थे अपने दिल की धड़कनें
भारत में ऐसे अनगिनत योगी और तपस्वी हुए हैं, जिन्होंने विदेशों में भारतीय योग और आध्यात्म का परचम लहराया। उन्हीं में से एक हैं डॉ. स्वामी राम। स्वामी राम ने विदेशों में भारतीय यौगिक क्रियाओं का प्रत्यक्ष प्रदर्शन करके दिखाया। उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से बहुत से ऐसे काम किए जा सकते हैं, जिन्हें आधुनिक विज्ञान असंभव मानता है। स्वामी राम को लोग एक संत, समाजसेवी, चिकित्सक, फिलोसफर, लेखक के रुप में भी जानते हैं। इन सबसे इतर दुनिया उन्हें मानव सेवा के संदेश वाहक के रुप में भी जाना जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वर्ष 1925 में पौड़ी जनपद के तोली-मल्ला बदलपुर पौड़ी गढ़वाल में स्वामीराम का जन्म हुआ। किशोरावस्था में ही स्वामीराम ने संन्यास की दीक्षा ली। 13 वर्ष की अल्पायु में ही विभिन्न धार्मिक स्थलों और मठों में हिंदू और बौद्ध धर्म की शिक्षा देना शुरू किया। 24 वर्ष की आयु में वह प्रयाग, वाराणसी और लंदन से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद कारवीर पीठ के शंकराचार्य पद को सुशोभित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरु के आदेश पर पश्चिम सभ्यता को योग और ध्यान का मंत्र देने 1969 में अमेरिका पहुंचे। 1970 में अमेरिका में उन्होंने कुछ ऐसे परीक्षणों में भाग लिया, जिनसे शरीर और मन से संबंधित चिकित्सा विज्ञान के सिद्धांतों को मान्यता मिली। उनके इस शोध को 1973 में इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका ईयर बुक ऑफ साइंस व नेचर साइंस एनुअल और 1974 में वर्ल्ड बुक साइंस एनुअल में प्रकाशित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वास्थ्य सुविधाओं से महरुम उत्तराखंड में विश्व स्तरीय चिकित्सा संस्थान बनाने का स्वामीराम ने सपना देखा था। उन्होंने अपने सपने को आकार देना शुरू किया वर्ष 1989 में। इसी वर्ष उन्होंने गढ़वाल हिमालय की घाटी में हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) की स्थापना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रामीण क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाओं के पहुंचाने के मकसद से 1990 में रुरल डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (आरडीआई) व 1994 में जौलीग्रांट में हिमालयन अस्पताल की स्थापना की। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को महसूस करते हुए स्वामी जी ने 1995 में मेडिकल कॉलेज संस्थापित किया। नवंबर 1996 में स्वामी राम ब्रह्मलीन हो गए। इसके बाद स्वामी जी के सपनों को साकार करने का जिम्मा उठाया ट्रस्ट के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कुलाधिपति डॉ. विजय धस्माना ने। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्वामी जी के विज़न व मिशन के अनुरुप डॉ.विजय धस्माना की अगुवाई में संस्थान निरंतर कामयाबी के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2007 में कैंसर रोगियों के लिए अत्याधुनिक अस्पताल कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यट (सीआरआई) की स्थापना की। 2013 में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए जॉलीग्रांट में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) स्थापना की गई। इसके तहत विश्वविद्यालय की जॉलीग्रांट कैंपस व तोली पौड़ी के हिल कैंपस में सभी शिक्षण संस्थाएं संचालित की जा रही हैं।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *