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December 22, 2024

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर डॉ. पुष्पा खंडूरी की कविता-सबकी निष्ठा हो गई पूरी

22 जनवरी 2024
आज राम के लिए हम सबकी निष्ठा ,
हो गई पूरी बन प्रभु तेरी
प्राण – प्रतिष्ठा।
घट – घट के प्राणों में बसते तुम।
प्रभु आज मेरी कविता में उतरो ,
मेरा शब्द -शब्द हो बने आइना।
जिसमें तेरी नव्य छवि ही बने साधना॥
जी करता है राम लला मैं,
अपनी कविता को बना के तेरा मंदिर।
नित तेरी प्यारी-प्यारी छवि निहारूं॥
क्यों न अपने इस जीवन में तुमको।
ज्यों का त्यों यूं पूरा उतारूं॥ (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)

तुम्हारी जिंदगी का हर एक पल।
है सबक निष्ठा, त्याग और बलिदान का॥
राम तुम्हारे हर सबक को ही मैं।
क्यों न मन के भीतर संवार लूँ॥
हर बार तुम्हीं ने है झेला
वनवास सदा,
दिन बाइस जनवरी दो हजार चौबीस का।
हो गई सभी परीक्षा और प्रतीक्षा पूरी (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)

धन्य -धन्य श्री मोदी जी ने ग्यारह दिन।
निराहार रह पूरा सब संकल्प किया है॥
जिसका फल हम सबको आज मिला है
आज सबकी श्री राम पे निष्ठा,
पूरी हुई देखो बन प्राण प्रतिष्ठा।
आज आपकी नव्य भव्य -छवि को,
आँखों में बसा कर दिल में उतार लूँ।
लौटे हो प्रभु एक और वनवास झेलकर। (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब साकेत में चिर रमण करो नित
करते रहो सदा हम सबका हित॥
जन – जन के मन में हर्ष अति है ।
देश-विदेश तक उल्लास बहुत है॥
आपके प्रिय भक्तों की पूरी हो हर कामना ।
कृपा आपकी मिले सभी को, मिटे दुर्भावना ।
देना प्रभु सद्बुद्धि हम सबको ही,
सबसे ऊपर हम सब रखें देश -हित – साधना।

कवयित्री की परिचय
डॉ. पुष्पा खंडूरी
प्रोफेसर, डीएवी (पीजी ) कॉलेज
देहरादून, उत्तराखंड।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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