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April 23, 2025

डॉ. डीसी पसबोला ने 108 बार किया सूर्य नमस्कार, भारतीय योग मंदिर मुंबई ने किया सम्मानित, जानिए इसके फायदे

उत्तराखंड से आयुर्वेद विभाग के चिकित्सा अधिकारी एनसीडी रिवर्सल एक्सपर्ट एवं योग, प्राणायाम, मेडिटेशन एक्सपर्ट व देहरादून निवासी डॉ. डीसी पसबोला ने 108 बार सूर्य नमस्कार किया। इस पर अन्य प्रतिभागियों के साथ ही उन्हें भी भारतीय योग मन्दिर मुंबई की ओर से प्रशस्ती पत्र देकर सम्मानित किया गया। योग की प्रतियोगिता अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक दिवसीय आनलाईन एवं आफलाईन आयोजित की गई थी। ये प्रतियोगिता 15 जनवरी को हुई थी। इसमें डॉ. डीसी पसबोला ने 108 बार सूर्य नमस्कार के महाअभियान में भाग लिया था। ये कार्यक्रम करीब दो घंटे चला था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक माह से कर रहे थे तैयारी
डॉ. पसबोला ने बताया कि उनके साथ ही देहरादून के कई प्रतिभागियों ने 108 बार सूर्य नमस्कार करने के लिए एक माह पहले से तैयारी कर दी थी। हालांकि, वह हर सुबह सूर्य नमस्कार करते रहे हैं, लेकिन एक बार में करीब 15 बार ही सूर्य नमस्कार करते आए हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय अभियान में पूरी दुनिया से लाखों लोगों ने प्रतिभाग किया। भारतीय योग मन्दिर, मुम्बई की ओर से समय-समय पर योग को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहते हैं। भारतीय योग मन्दिर मुम्बई की ओर से आज गुरुवार 18 जनवरी को प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयुर्वेद के चिकित्सक हैं डॉ. पसबोला
डॉ. डीसी पसबोला कई वर्ष पहले से सूर्य नमस्कार के अभ्यासी रहें हैं। वे वर्ष 2005 से गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से योग विज्ञान (Yogic Science) में एक वर्षीय डिप्लोमा उपाधि प्राप्त हैं। साथ ही बुद्धा सीईओ फाउंडेशन बेंगलुरु कर्नाटक से मेडिटेशन में 6 सप्ताह का सर्टीफाइड प्रशिक्षण प्राप्त भी है। डॉ. पसबोला वर्तमान में आयुष विभाग, उत्तराखंड में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) के पद पर कार्यरत हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शरीर और दिमाग के लिए लाभकारी है सूर्य नमस्कार
डॉ. पसबोला के मुताबिक, सूर्य नमस्कार, सूर्य देव को सम्मान देने का एक प्राचीन योग अभ्यास है। सूर्य नमस्कार में सात अलग-अलग आसन 12 चरणों में चक्रीय रूप से किया जाता है। यह एक असरदार कार्डियोवस्कुलर वर्कआउट (Cardiovascular workout) माना जाता है, जो शरीर और दिमाग के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। सूर्य नमस्कार को आमतौर पर सुबह का अभ्यास कहा जाता है, जिसे भोर में किया जाता है। 12 आसनों का योग सूर्य नमस्कार शरीर के सभी चक्रों को उत्तेजित करता है. इस आसन के अन्य स्वास्थ्य लाभों के अलावा, यह मन की शांति और फोकस को बेहतर करने में अहम भूमिका निभाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्य नमस्कार में किए जाने वाले आसन
डॉ. पसबोला बताते हैं कि सूर्य नमस्कार 12 चरणों में किया जाने वाला आसन है। इसमें प्रणामासन, हस्त उत्तानासन, हस्तपादासन, अश्व संचलानासन, अधो मुख श्वानासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, अधो मुख श्वानासन/ पर्वतासन, अश्व संचलानासन, हस्तपादासन शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कम से कम तेरह बार करना चाहिए सूर्य नमस्कार
डॉ. पसबोला बताते हैं कि सूर्य नमस्कार तेरह बार करना चाहिये और प्रत्येक बार सूर्य मंत्रो के उच्चारण से विशेष लाभ होता है। ये सूर्य मंत्र हैं- 1. ॐ मित्राय नमः, 2. ॐ रवये नमः, 3. ॐ सूर्याय नमः, 4.ॐ भानवे नमः, 5.ॐ खगाय नमः, 6. ॐ पूष्णे नमः,7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः, 8. ॐ मरीचये नमः, 9. ॐ आदित्याय नमः, 10.ॐ सवित्रे नमः, 11. ॐ अर्काय नमः, 12. ॐ भास्कराय नमः, 13. ॐ सवितृ सूर्यनारायणाय नमः। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सूर्य नमस्कार के स्वास्थ्य लाभ
रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली होती है, इससे पॉश्चर बेहतर होता है।
पूरे स्पाइनल और पैरास्पाइनल में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
ऊपरी और निचले अंगों के मस्कुलोस्केलेटल का फंक्शन अच्छा होता है।
हार्ट की फंक्शनिंग में सुधार होता है।
मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
सुस्त न्यूरोएंडोक्राइन सिस्टम सक्रिय होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है।
पाचन क्रिया बेहतर होती है।
अनिद्रा से निपटने में मदद मिलती है।
ब्लड शुगर को मेंटेन रखता है।
तनाव के स्तर को कम करता है।
हार्मोन को नियंत्रित करता है।
रीढ़, गर्दन और भुजाओं को टोन करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्य नमस्कार करने का सही समय
हालांकि, सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय है। इसके अलावा आप पूरे दिन में किसी भी समय कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार करने की सावधानी
सूर्य नमस्कार करने से पहले और बाद में कुछ भी न खाएं. सूर्य नमस्कार करने से पहले वार्म-अप जरूर करें।
अगर आपको कोई हेल्थ इश्यू है तो फिर अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लीजिए।
मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान सूर्य नमस्कार से बचना चाहिए।
शरीर की सही मुद्रा बनाए रखने के लिए निर्देशों का ठीक से पालन करें।
कठिन मुद्रा में बहुत देर तक रहने की कोशिश न करें क्योंकि इससे शरीर को परेशानी हो सकती है।
सूर्य नमस्कार करते समय आरामदायक कपड़े पहनें, जिससे आप आराम से और बिना रुके अभ्यास कर सकें।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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