हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब उत्तराखंड के 12 जिलों में मई माह में होंगे डीपीसी चुनाव
नैनीताल हाईकोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड में अब डीपीसी चुनाव की उम्मीद जग गई है। सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दिया कि हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में जिला नियोजन समितियों (डीपीसी) के चुनाव मई में कराए जाएंगे होंगे। सरकार के जवाब के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि सितंबर अंतिम सप्ताह के लिए नियत कर दी।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में जिला पंयाचत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया है कि सरकार प्रदेश में डीपीसी के चुनाव नहीं करा रही है। चुनाव आयोग की ओर से भी सरकार को डीपीसी के चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा गया था, मगर सरकार ने बताया कि कोविड महामारी का हवाला देते हुए अभी चुनाव टाले जा रहे हैं।
इस मामले में एक दिन पहले बुधवार को सरकार की ओर से न्यायालय में शपथपत्र पेश कर कहा गया था कि वह डीपीसी के चुनाव हरिद्वार के पंचायत चुनावों के बाद कराने को तैयार है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि चुनाव नहीं होने से प्रदेश के 12 जिलों का विकास कार्य ठप पड़ा है। जो बजट आ रहा है, उसे जिलाधिकारी खर्च कर रहे हैं। फिर गुरुवार को सरकार की तरफ से ये बताया गया कि अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है। मई में प्लानिंग की जाती है। इस कारण चुनाव मई में कराए जाएंगे। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई सितंबर तक टाल दी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।