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December 12, 2024

पीएम गरीब कल्याण योजना पर संशय, साथ ही सवाल-क्या 80 करोड़ लोगों की दूर हो गई गरीबी

पहला सवाल, क्या भारत में 80 करोड़ लोग गरीब हैं। दूसरा सवाल-यदि इतनी बड़ी संख्या गरीब नहीं हो सकती तो 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कोरोनाकाल से अब तक फ्री राशन क्यों दिया जा रहा है। तीसरा सवाल-क्या अब 80 करोड़ जनता की गरीबी दूर हो चुकी है। क्योंकि अब ऐसे लोगों को हो सकता है सितंबर माह के बाद मुफ्त राशन नहीं मिले। खैर मुफ्त की रेबड़ी की बजाय देश में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बने। खुद खदीददारी की स्थिति में हो। नहीं तो ऐसी किसी भी योजना से कभी समाधान नहीं होने वाला है। अब तो लगता है कि गरीब कल्याण योजना की दृष्टि से गरीबी खत्म हो चुकी है। क्योंकि सितंबर माह के बाद इस योजना के चालू रहने में संशय है। इसे अब बंद किया जा सकता है। क्योंकि इस साल धान की बुआई भी काफी कम हुई। ऐसे में देश में खाद्यान्न उत्पादन कम रहने की संभावना है। अंत में एक सवाल और बनता है-कि क्या मुफ्त राशन सिर्फ चुनावों में वोट लेने का जरिया था। क्योंकि गरीबी दूर नहीं हुई तो फिर ये योजना कैसे बंद हो सकती है। क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि बेरोजगारी दर अगस्त माह में और बढ़ी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है योजना, जिस पर बना है संशय
कॉविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत देश के गरीब लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किलो खाद्यान्न दिया जा रहा है। इस योजना को कई चरणों में आगे बढ़ाया गया। सितंबर 2022 तक इसकी अवधि निश्चित की गई थी। अब यह योजना आगे बढ़ाई जाएगी या नहीं इस पर संशय बरकरार है। लोग इंतजार कर रहे हैं क्या सितंबर के बाद भी मुफ्त राशन मिलेगा। इसके लिए स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। अभी निर्णय लेना बाकी है। खाद्य सचिव ने दी जानकारी सोमवार को खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने एक जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना जो सितंबर महीने में समाप्त हो रही है, उसे आगे बढ़ाने के लिए चर्चा का दौर जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, जिस तरह से चर्चा चल रही हैं। कई बैठकों का दौर चल रहा है, उससे यह प्रतीत अवश्य होता है कि बहुत जल्दी कोई न कोई निर्णय लिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2020 से हुई थी शुरुआत
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई। उस समय कोविड-19 को देखते हुए गरीबों को सहयोग करने के लिए इस योजना को अमल में लाया गया। देश के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को हर माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त में दिया जाने लगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कई बार बढाई गई योजना की डेट
गरीब कल्याण योजना मार्च 2020 से शुरू होने के बाद कई बार बढ़ाई गई। अब न तो कोविड-19 का झंझट है और न ही लोगों के पास काम की कमी है। ऐसे में सरकार क्या इस मुफ्त योजना को आगे बढ़ाने का फैसला लेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देश में बढ़ रही है बेरोजगारी की दर
देश में बेरोजगारी दर अगस्त में एक साल के उच्चस्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। इस दौरान रोजगार पिछले महीने की तुलना में 20 लाख घटकर 39.46 करोड़ रह गया। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारी दर 6.8 प्रतिशत थी तथा रोजगार 39.7 करोड़ था। सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा था कि शहरी बेरोजगारी दर आमतौर पर ग्रामीण बेरोजगारी दर से ऊंची यानी आठ प्रतिशत रहती है, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर लगभग सात प्रतिशत होती है। उन्होंने कहा कि अगस्त में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गई।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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