सिर्फ वाहवाही लूटने को मत काटिए चालान, कुछ प्रैक्टिकली भी हो जाइए, दूध बेच रहे दुकानदार का कटा चालान
देहरादून में गली और मोहल्लों में अधिकांश परचून की ही दुकानों में अंडा, दूध, पनीर, ब्रेड आदि हमेशा से बेचा जाता है। इन दुकानों में भी पुलिस चालान कर रही है, जबकि आवश्यक सेवाओं को कोरोना कर्फ्यू में तीन घंटे की छूट दी गई है।
उत्तराखंड में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू लागू है। इस अवधि में सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर बाकी सारी दुकानें बंद करने के आदेश हैं। परचून की दुकानों को हर बार एक सप्ताह के कर्फ्यू की घोषणा में सप्ताह में एक दिन सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक खुलने की अनुमति है। इसके तहत आज 28 मई को ऐसी दुकानों को खुलने की छूट है।
इन दुकानों से भी मिलता है छूट वाला सामान
अब बात करते हैं आवश्यक सेवाओं की। इसमें अंडा, बेकरी का सामान, मांस मछली, सब्जी, फल, दूध के साथ ही कैमिस्ट की दुकानें हैं। देहरादून में गली और मोहल्लों में अधिकांश परचून की ही दुकानों में अंडा, दूध, पनीर, ब्रेड आदि हमेशा से बेचा जाता है। मोहल्लों की दुकानों में तो लोग महीना पूरा होने के बाद ही दूध आदि का भुगतान करते हैं। ऐसे में कई दुकानदार सुबह दूध, पनीर, ब्रेड आदि देने के लिए दुकान खोल रहे हैं तो उनकी भी चालान काटा जा रहा है। हालांकि कई दुकानदार राशन आदि देने से मना कर रहे हैं। दूध को भी वे शटर आधा गिराकर दुकान के बहार रख रहे हैं।
दूध, अंडा बेचने पर भी काटा चालान
देहरादून में नालापानी चौकी के अंतर्गत आर्यनगर शिव मंदिर के सामने स्थित दुकान के दुकानदार का चालान इस आधार पर काट दिया गया कि उसकी दुकान खुली थी। उसकी दुकान में सुबह के समय मोहल्ले के लोग दूध के पैकेट लेने पहुंचते हैं। साथ ही अंडा और ब्रेड, पनीर आदि भी वह वर्षों से दुकान में बेचता है। वैसे ही लगातार लॉकडाउन ने लोगों को बेरोजगार कर दिया। अब चालान के नाम पर ऐसे दुकानदारों का भी उत्पीड़न किया जा रहा है, जो आवश्यक वस्तुओं की सूची में दर्शाई गई सामग्री को वर्षों से बेचते आ रहे हैं। इस दुकान में पुलिस कर्मी पहुंचते हैं और उसका पांच सौ रुपये का चालान काटकर चले जाते हैं। इसके बाद दुकानदार भी शटर बंद कर घर चला जाता है। अब पुलिस को कौन समझाए कि मोहल्ले के कई घरों में दूध का एक पैकेट तक नहीं पहुंच पाया।
पुलिस का एक रूप ये भी
वैसे ऐसा नहीं है कि पुलिस का उत्पीड़न का ही रूप है। देहरादून में पुलिस इन दिनों लोगों की मदद में भी आगे आ रही है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को राशन घर तक ही पहुचा रही है। जरूरतमंद को दवा और ऑक्सीजन की व्यवस्था भी पुलिस करा रही है।
सख्त रूप
देहरादून में पुलिस का सख्त रूप कोरोना के नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ उचित है। इसका हर व्यक्ति को समर्थन करना चाहिए। गुरुवार को पुलिस ने नियम तोड़ने पर कुल 1651 लोगों के चालान किए। इनमें बगैर मास्क को लेकर 88 और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 1553 लोगों के चालान किए। इन चालान से पुलिस ने 2,00,300 रुपये जुर्माना वसूला। चालान अपनी जगह ठीक हैं, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने के लिए सिर्फ चालान करना सही नहीं है। क्योंकि विभिन्न लाकोर्पण और अन्य कार्यक्रमों में कोरोना के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियों के दौरान नेताओं के चालान करने की हिम्मत शायद की पुलिस जुटा पाए और एक आदर्श स्थापित करे। इसके कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जब ऐसे कार्यक्रमों में शारीरिक दूरी का नियम टूटता नजर आया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।