क्या वाकई में ब्रह्मांड में गूंजती है ओम् शब्द की ध्वनि, नासा कर चुका है इसका खुलासा, वीडियो में सुनें आवाजें
ब्रह्मांड के रहस्य भी अजीबोगरीब हैं। हमारे अध्यात्म में सालों से बहस चल रही है कि ओम् शब्द का उच्चारण ब्रह्मांड की व्यापकता का बोध कराता है। जिन चीजों को हम अब तक मानते रहे हैं, अब उसे जानने की कोशिश भी शुरू हो गई है। इसी क्रम में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने ब्लैक होल की आवाज जारी की। इस आवाज में लोगों को ओम की ध्वनि सुनाई दे रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अंतरिक्ष में आवाज का रहस्य
दरअसल, अंतरिक्ष के खाली होने के कारण वहां कोई आवाज सुनाई नहीं देती है। खाली अंतरिक्ष में ध्वनि की तरंगे आगे नहीं बढ़ पाता हैं। हालांकि कई जगहों पर अंतरिक्ष में गैसे हैं जिनके कारण ध्वनि तरंगें एक जगह से दूसरे जगह जा सकती हैं। करीब 15 साल तक के आंकड़े जुटाने के बाद भारत सहित कई देशों के वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्मांड में गूंजने वाली आवाज को लेकर बड़ा खुलासा किया। ब्रह्मांड में गूंजने वाली ‘हम्म्म्म’ की आवाज को लेकर वैज्ञानिकों के पुष्टि की है कि ये ध्वनि ब्रह्मांड में हमेशा गूंजती रहती है। इसे सुनकर ऐसा लगता है कि जैसे कि आप किसी बहुत शोरगुल वाली जगह पर बैठे हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया ये कारण
वैज्ञानिकों ने बताया है कि ये आवाज ग्रैविटेशनल वेव यानी कि गुरुत्वाकर्षण तरंगों की वजह से निकलती है। भारत, अमेरिका, यूरोप, चीन और ऑस्ट्रेलिया के साइंटिस्टों को रेडियो टेलिस्कोप के जरिये इस बात का सबूत मिला है। हालांकि पहले ये दावा किया जाता था कि ब्रह्मांड में कोई आवाज नहीं होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गैस के चलते अंतरिक्ष में ट्रैवल करते हैं साउंड वेव
इससे पूर्व नासा ने भी कहा था कि यह मानना गलत है कि अंतरिक्ष में कोई आवाज नहीं होती है। क्योंकि आकाशगंगा खाली है, जिससे साउंड वेव को ट्रैवल करने का कोई रास्ता नहीं मिलता। ये आवाज एक कंपन है। आवाज की खोज किये वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष में कई जगह पर गैस हैं, जिनके चलते साउंड वेव घूमती रहती हैं। साल 2022 के अगस्त महीने में नासा ने पर्सियस आकाश गंगा समूह के केंद्र में एक बड़े ब्लैक होल की ध्वनि को खोजा था। नासा ने इस ब्लैक होल से निकलने वाली ध्वनि को दुनिया के समक्ष जारी किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अल्वर्ट आइंसटीन ने भी की थी आवाज की घोषणा
खगोलविदों द्वारा खोजी गई ब्रह्मांड की आवाज की तुलना अल्वर्ट आइंसटीन की एक घोषणा से की गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गुरुत्वाकर्षण तरंगों जैसी एक अन्य ध्वनि ब्रह्मांड में मौजूद है। नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स (NCRA) द्वारा संचालित, पुणे में स्थित भारत का विशाल मेट्रोवेव रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) दुनिया के छह सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोपों में से एक था, जिसने नैनो-हर्ट्ज गुरुत्वाकर्षण तरंगों की इस खोज का मार्ग प्रशस्त किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किरण वेदी ने भी किया था ट्विट
पांडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी द्वारा ट्वीट किया गया एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया गया है कि, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने सूरज से निकलने वाली ध्वनि को रिकॉर्ड कर पाया कि इसमें से ओम की ध्वनि निकलती है। हालांकि, तब कई मीडिया समूह ने फेक्ट चेक किया तो ये दावा गलत साबित हुआ। वीडियो में ये भी जिक्र किया गया है कि, प्राचीन सभ्यता को ये पता था कि सूरज से ओम की ध्वनि निकलती है, इसी कारण सूरज की पूजन शुरू हुई।बेदी के ट्वीट के अलावा भी कई वेबसाइट्स, न्यूज चैनल्स ने इस वीडियो को शेयर किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) January 4, 2020
नासा का नहीं है ओरिजनल वीडियो
बेदी द्वारा ट्वीट किया गया वीडियो यूट्यूब पर 2017 से ही उपलब्ध है। इस 3 मिनट 20 सेकंड के वीडियो में से ही 1 मिनट 50 सेकंड का वीडियो बेदी द्वारा शेयर किया गया है। पड़ताल में पता चला कि, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा वीडियो नासा द्वारा 2018 में जारी किया गया ओरिजिनल वीडियो नहीं है। नासा ने जुलाई 2018 में सूर्य से निकलने वाली ध्वनि को लेकर किए गए अपने शोध को जारी किया था। इसमें यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए), नासा सोलर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला का डाटा भी दर्शाया गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले वीडियो में सूरज के सोनिफिकेगशन और फ्रिक्वेंसी का रॉ ऑडियो में चित्रण किया गया था वहीं दूसरे में ग्रीनबेल्ट में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में हेलियोफिज़िक्स साइंस डिवीजन में विज्ञान के एसोसिएट डायरेक्टर एलेक्स यंग द्वारा किया गया वॉइसओवर। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वीडियो में कहा गया कि हर दूसरे पदार्थ की तरह सूरज में भी तरंगे और आवृत्तियां होती हैं। नासा ने इस फ्रिक्वेंसी को ध्वनि में बदलने के लिए कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया है, ताकि वैज्ञानिकों को सूरज के अंदर होने वाली गतिविधि की स्टडी करने में मदद मिल सके नासा ने इस वीडियो को जुलाई 2018 में ट्वीट भी किया था। यह ऑडियो साउंडक्लाउड पर उपलब्ध है।
खोजा गया ब्लैकहोल की ध्वनि को
हमारा अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हुआ है।अंतरिक्ष के खाली होने के कारण वहां कोई आवाज सुनाई नहीं देती है। खाली अंतरिक्ष में ध्वनि तरंगें आगे नहीं बढ़ पाती हैं। हालांकि कई जगहों पर अंतरिक्ष में गैसे हैं, जिनके कारण ध्वनि तरंग ट्रैवेल कर सकती हैं। नासा ने अब पर्सियस आकाशगंगा समूह के केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल की ध्वनि को खोजा है। नासा ने अब इस ब्लैकहोल का साउंड जारी किया है। 250 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर इस क्लस्टर में गैस और प्लाज्मा के जरिए बढ़ने वाली वास्तविक ध्वनि तरंगों को खोजा गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
The misconception that there is no sound in space originates because most space is a ~vacuum, providing no way for sound waves to travel. A galaxy cluster has so much gas that we’ve picked up actual sound. Here it’s amplified, and mixed with other data, to hear a black hole! pic.twitter.com/RobcZs7F9e
— NASA Exoplanets (@NASAExoplanets) August 21, 2022
नासा ने ट्वीट में लिखा कि यह धारणा गलत है कि अंतरिक्ष में कोई ध्वनि नहीं है, क्योंकि आकाशगंगा खाली है, जिससे ध्वनि तरंगों को यात्रा करने का कोई रास्ता नहीं मिलता। एक गैलेक्सी क्लस्टर में इतनी गैस है कि हमने वास्तविक ध्वनि को पकड़ लिया है। यहां एक ब्लैक होल की एंप्लीफाइड और अन्य डेटा के साथ मिक्स करके बनाई गई ध्वनि है। ये आवाज एक कंपन है, जो सुनने में बेहद डरावनी है। हालांकि कुछ लोगों को इसमें ओम की ध्वनि सुनाई दे रही है।
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