क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मांड कितनी हैं आकाश गंगाएं, हर एक आकाश गंगा में हैं अरबों सूरज, नासा ने खींची दुर्लभ तस्वीर
ब्रह्मांड के रहस्यों पर वैज्ञानिक निरंतर अध्ययन कर रहे हैं। ऐसे में हमारी भी जिज्ञासा बढ़ती है कि आकाश गंगाएं कितनी हैं। अभी तक के वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि ब्रह्मांड में 10 हज़ार करोड़ आकाश गंगाएं हैं। हर आकाशगंगा में अरबों सूरज हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप लगातार अपनी तस्वीरों से चौंका रहा है। यह टेलिस्कोप स्पेस विज्ञान की नई दुनिया को हमारे सामने लेकर खड़ा कर रहा जो शायद अभी तक हमारी नजरों से ओझल था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रत्येक आकाश गंगा में हैं अरबों सूरज
वर्षों पहले एक अन्य टेलिस्कोप ‘हबल’ से जहां पाया गया था कि एक क्षेत्र जो आकाशगंगाओं से भरा था। उसे अब वेब की मदद से बेहद सटीकता से देखा गया है। एस्ट्रोनॉमर्स ने हबल के डीप फील्ड क्षेत्र में वेब टेलीस्कोप पर नियर-इन्फ्रारेड कैमरा को प्रशिक्षित किया। इसके द्वारा ली गई छवि से पता चला कि ब्रह्मांड के इतिहास में इस समय आकाशगंगाएं कैसे बढ़ रही हैं। नासा को मिली इस तस्वीर में प्रत्येक बिंदु एक आकाशगंगा है और प्रत्येक आकाशगंगा में अरबों सूर्य हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लंबे समय से कर रहे अध्ययन
नासा के अनुसार दुनिया के सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप ने 11 अक्टूबर, 2022 को पहली बार लंबे समय से अध्ययन किए गए हबल अल्ट्रा डीप फील्ड का अवलोकन करते हुए 20 घंटे से अधिक समय बिताया और अब इसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं। हबल ने 11 दिनों से अधिक समय तक आकाश के एक ही टुकड़े का अवलोकन किया ताकि वह इसकी डीप-फील्ड व्यू इमेज ले सके। टेलीस्कोप ने रंगों को मापने में उच्च संवेदनशीलता के साथ अधिक सटीक रूप से स्पेक्ट्रल विशेषताओं की तस्वीरें लीं। इससे खगोलविदों को ब्रह्मांड के पहले अरब वर्षों के दौरान आकाशगंगाओं के स्टार गठन और आयनीकरण गुणों के इतिहास को समझने में मदद मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा कि वे वेब टेलीस्कोप के साथ इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी के बीच एक प्रकार का मिश्रण देख रहे हैं। विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के माइकल मसेडा ने बताया कि इसलिए हम पारंपरिक स्पेक्ट्रोस्कोपी के विपरीत मूल रूप से क्षेत्र की सभी आकाशगंगाओं के लिए विस्तृत जानकारी प्राप्त कर रहे हैं, जहां आप अध्ययन के लिए केवल कुछ आकाशगंगाओं का चयन कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
डीप फील्ड व्यू में आकाशगंगाओं का अध्ययन ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास में शामिल प्रारंभिक प्रक्रियाओं की समझ को बढ़ा सकता है। एस्ट्रोनॉमर्स ने आगे बताया कि आकाशगंगाएँ बहुत जटिल प्रणालियां हैं, जिनमें विभिन्न प्रक्रियाओं की एक विस्तृत श्रृंखला विभिन्न स्थानिक और लौकिक पैमानों पर काम करती है। इसलिए ऐसे कई दृष्टिकोण हैं जिनका उपयोग आकाशगंगाओं की भौतिकी को बेहतर ढंग से समझने के लिए किया जा सकता है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।