Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

June 26, 2025

कोरोना संक्रमित होने पर घबराए मत, घर पर कीजिए इलाज, ज्यादातर मौत का कारण फेफड़ों का संक्रमण नहीं

यदि आप कोरोना संक्रमित हैं तो घरबाएं नहीं। कोरोना की दवा का नियमित रूप से सेवन कीजिए और घर पर रहिए। बार-बार ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल मत कीजिए।

यदि आप कोरोना संक्रमित हैं तो घबराएं नहीं। कोरोना की दवा का नियमित रूप से सेवन कीजिए और घर पर रहिए। बार-बार ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल मत कीजिए। ऐसा भी हो रहा है कि घबराहट में लोगों की सांस बंद हो रही है। साथ ही घरेलू उपचार भी करते रहिए। सांस से संबंधित नियमित व्यायाम कीजिए। बस आप कोरोना को मात दे सकते हैं।
थोड़ा सब्र कीजिये और सोचिए। ऑक्सीजन की आर्टिफिशियल डिमांड बढ़ गई है। सब लोग oximeter लेकर घड़ी घड़ी ऑक्सीजन लेवल नाप रहे है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में थोड़ा सा फ्लक्चुएशन देखकर डर के मारे दिल की धड़कन बढ़ा ले रहे है। देहरादून में ही 80 फीसद कोविड पॉजिटिव लोगों की मृत्यु का कारण फेफड़ों के संक्रमण नहीं है। लोग कार्डियक अरेस्ट और मल्टीपल ऑर्गन फैलियर की वजह से मर रहे है। बंद नाक को खोलने के परंपरागत उपायों को भूलकर हॉस्पिटल भाग रहे हैं। वहां का भयानक मंजर देखकर और घबरा जा रहे है।
जब हॉस्पिटल फुल हैं, डॉक्टर और नर्स का अभाव है, तो क्यों भाग रहे हो हॉस्पिटल की तरफ। जीवत रहने के लिए, हॉस्पिटल से दूरी बनाइये। अपने घर में 14 दिनों के लिए कैद हो जाइए। स्टैण्डर्ड प्रिस्क्रिप्शन लीजिए। बंद नाक खोलने के लिए भाप लीजिए, विक्स लगाइए, इन्हेलर लीजिए, अजवाइन की पोटली सूंघीये या अन्य पारंपरिक घरेलू नुस्खे आजमाइये।
बार बार ऑक्सीजन लेवल मत देखिए। बिल्कुल मत घबराएं, केवल 14 दिन शांति से सांसों की excercise करें। बस इतने में ही आप कोरोना और उसकी वजह से बने नकारात्मक माहौल से बाहर निकल आएंगे। इस दौरान चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें।
आपको यदि खांसी होती है तो अदरक का रस, शहद और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में तीन से चार बार खा सकते हैं। भाप लेने के साथ ही फिटकरी और नमक के मिश्रण के गरारे किए जा सकते हैं। इसमें दो भाग नमक और एक भाग फिटकरी हो। 99 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। मात्र एक प्रतिशत को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। यदि हम पेट के बल लेटते हैं तो तीन से चार प्रतिशत ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। इसके बावजूद लोग ऑक्सीजन सिलेंडर तलाश रहे हैं। घबराहट में उन्हें दिक्कत पैदा हो रही है।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page